ऐक्टिव मोनाल कल्चरल ऐसोसिएशन संस्था द्वारा स्कूलों में निशुल्क आयोजित की जा रही नाट्य कार्यशालाएं

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सुरभि न्यूज़ ब्यूरो 

कुल्लू 

स्थानीय संस्था ऐक्टिव मोनाल कल्चरल ऐसोसिएशन द्वारा संस्था के अध्यक्ष एवं प्रसिद्व रंगकर्मी केहर सिंह ठाकुर के मार्गर्दशन में कुल्लू में आसपास के स्कूलों में निशुल्क आयोजित की जारही नाट्य कार्यशालाओं में इस र्वष की पांचवीं और और आखिरी कार्यशाला का समापन
राजकीय माध्यमिक पाठशाला गांधीनगर में हुआ।

25 दिवसीय इस कार्यशाला का संचालन संस्था की वरिष्ठ रंगकर्मी मीनाक्षी ने किया। कार्यशाला में लगभग 35 बच्चों ने हिस्सा लिया और इसी
दौरान उनके साथ एक लघु नाटक ‘यमलोक में पार्टी’ तैयार किया गया और विद्यालय के प्रांगण में बच्चों व अध्यापकों के समक्ष मंचित किया गया।

नाटक कुछ यूँ आरम्भ होता है कि यमलोक में पार्टी का आयोजन रखा गया है और सभी देवी देवताओं को भी उस पार्टी में आमन्त्रित किया गया है। उसी दिन दो यमदूत पृथ्वी लोक से दो गलत आदमियों को पकड़ कर लाते हैं। तो यमराज यमदूतों को डांटते हैं कि इनकी तो अभी मृत्यु ही नहीं आई है। ऐसा कैसा कर दिया तुमने तो यमदूत कहते हैं कि धर्मराज हम धरती लोक की चकाचैंध देख कर खो गए थे और ये दोनों एक पिज्जा की दुकान में बैठे अच्छी अच्छी खुशबू के व्यंजन खा रहे थे तो हम भूल भूलैइया में इन्हें ही उठा लाए। यमराज फिर कहते हैं कि अगर धरती लोक में ऐसे अच्छे व्यंजन बनते हैं आजकल तो क्यों न आज की पार्टी के लिए धरती लोक से ही खाना मंगवाया जाए।

देवता गण भी प्रसन्न हो जाएंगे। स्वर्ग लोक का खाना खा खा कर वे भी बोर हो गए होंगे। तो फिर शाम की पार्टी में सभी देव गणों और ऋषीगणों को धरती लोक का खाना खिलाया जाता है। वे सब चटकारे मार कर भोजन करते हैं। परन्तु कूछ ही देर में उन सब का पेट खराब हो जाता है।

उसके बाद नारद की अध्यक्षता में एक कमेटी धरती लोक के भोजन और वस्तुओं की जांच के लिए गठित की जाती है। तो जांच में पता चलता है कि धरती लोक में हर चीज़ में मिलावट हो रही है। अनाज़ से लेकर हर चीज़ में मिलावट ही मिलावट है और कमीशनखोर मिलावटी सामान पर भी कमीशन खा रहे हैं।

नाटक में गौरव, आशी, हिमानी, मानसी, बबली, सन्नी, कृष्णा, परि, डिम्पल, अमृता, तनुजा, पूनम, नंदिनी, प्रिया, नीलम भारती, रोनू,
साक्षी, दृश्टि, चिराग, ईशा, सेजल, किरण और अंशू आदि बच्चों ने भाग लिया। विद्यालय की मुख्य अध्यापिका व अघ्यापकों ने संस्था के इस प्रयास को बहुत सराह और कहा कि इससे बच्चों के व्यक्तित्व में स्पष्ट बदलाव दिख रहा है।

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