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सुरभि न्यूज़
सी आर शर्मा, आनी
विकास खंड आनी के एक मात्र कृष्ण मंदिर बटाला में 7 जुलाई को उनके भाई शिंगला के योगेश्वर महादेव पूरे साढ़े पांच सौ सालों बाद मिलने आयेंगे।
जो बेहद यादगार पल रहेगा और हजारों लोग इस ऐतिहासिक व यादगार पल के साक्षी बनेंगे।
साढ़े पांच सौ वर्ष पहले ठाकुर मुरलीधर को मूर्तिस्वरूप और शालीग्राम में शिंगला से लाकर बटाला में स्थापित किया गया था और अब साढ़े पांच सौ साल बाद देवता योगेश्वर महादेव ने अपने भाई मुरलीधर से मिलन की इच्छा जताई जिसके मद्देनजर 7 जुलाई को योगेश्वर महादेव अपने भाई ठाकुर मुरलीधर से मिलने बटाला आयेंगें जो दोनों देवताओं का महामिलाप होगा।
बताते चलें कि योगेश्वर महादेव महाराज़ की उत्पति श्रीमद्भागवत यज्ञ से हुई मानी जाती है। शिंगला जिसका पुराना नाम शयपूरी है। शयपूरी के एक गांव उरू में एक किसान को हल लगाती बार देवता योगेश्वर महाराज का मोहरा मिला था जिसे बाद में रथस्वरूप शिंगला में स्थापित किया गया था।
शिंगला से योगेश्वरमहादेव के कारदार पूर्णचंद शर्मा ने बताया कि शिंगला गांव में भगवान परशुराम ने लंबे समय तक विश्राम किया था और यहीं पर शालिग्राम रूप में नृसिंह भगवान और ठाकुर मुरलीधर की स्थापना की गयी थी।
साथ ही उन्होंने बताया कि शिंगला गांव में बजरंगबली का एक मंदिर, एक जैन मंदिर व माँ महिषासुरमर्दिनी भी योगेश्वरमहादेव मंदिर में स्थापित है।