सुरभि न्यूज़ ब्यूरो
शिमला, 19 जुलाई
मुख्य चिकित्या अधिकारी शिमला डाॅ सुरेखा चोपड़ा ने जानकारी देते हुए बताया कि जिला शिमला में इस वर्ष स्क्रब टाईफस के 11 मामले दर्ज किए जा चुके हैं जिस कारण एहतियात बढ़ाने की अति आवश्यकता है। स्क्रब टाईफस हिमाचल प्रदेश मे एक स्थानिक रोग है जो मानव शरीर के आंतरिक अंगो को प्रभावित करता है जिसका समय पर उपचार न होने से मृत्यु भी हो सकती है।
उन्होंने बताया कि यदि किसी व्यक्ति को तेज बुखार हो तो उसकी जांच शीघ्र निकटतम स्वास्थ्य केन्द्र में करवायें क्योंकि यह स्क्रब टाईफस भी हो सकता है। उन्होंने जानकारी दी कि यह रोग एक जीवाणु से संक्रमित पिसू के काटने से फैलता है जिसके कारण बुखार उत्पन होता है और शरीर में अक्ड़न या शरीर टूटा हुआ प्रतीत होता है। इसके अधिक संकमण से गर्दन बाजुओं के नीचे कुल्हो के उपर गिल्टियां होना जैसे लक्षण पाये जाते हैं।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि इस बीमारी के रोकथाम के लिए खेतों व झाड़ियों में काम करते समय पूरे शरीर, टांगे, पांव और बाजू ढककर रखें तथा शरीर की सफाई का विशेष ध्यान रखें और घर के चारों ओर खरपतवार उगनें न दें और घर के अन्दर और आसपास कीटनाशक दवाओं का छिड़काव करें।
डाॅ सुरेखा चोपड़ा ने बताया कि जिला शिमला में स्क्रब टाईफस की जांच एवं उपचार की सुविधा प्राथमिक स्तर पर हर स्वास्थ्य संस्थान में निःशुल्क उपलब्ध है।