सुरभि न्यूज़
परस राम भारती, तीर्थन घाटी गुशैनी बंजार
हिमाचल प्रदेश में 7 जुलाई से शुरु हुई बरसात ने कई स्थानों पर अपना कहर बरपाया है। इस प्राकृतिक आपदा को बीस दिन बीत जाने के बावजूद भी बंजार क्षेत्र में हालात सामान्य नहीं हो पाए है। शासन प्रशासन द्वारा मौका पर नुकसान का जायजा लेकर प्रभावित लोगों को नियमों के मुताबिक राहत पहुंचाई जा रही है।
जिला कुल्लू उपमंडल बंजार की तीर्थन घाटी गुशैनी में मंगलवार को एसडीएम बंजार ने भारी बारिश, बाढ़ और भुस्खलन के कारण स्थानीय लोगों को हुए नुकसान तथा घाटी में चल रहे राहत, बहाली और पुनर्वास कार्यों का जायजा लिया। तीर्थन घाटी में लगातार हो रही बारिश के कारण बाढ़ और भूस्खलन से यहां का जन जीवन अस्त व्यस्त हो गया है और आइंदा बारिश के भय से भारी जान-माल के नुकसान का अंदेशा बना हुआ है।
इसी सिलसिले में एसडीएम बंजार हेम चन्द वर्मा ने विभागीय अधिकारियों तहसीलदार बंजार रमेश चन्द, लोक निर्माण विभाग बंजार के सहायक अभियन्ता कीर्तिमान ठाकुर, कनिष्ठ अभियंता बंटी कुमार, जल शक्ति विभाग के अधिकारी, बीडीसी सदस्य लीला देवी, स्थानीय ग्राम पंचायतों के जन प्रतिनिधियों, मीडिया कर्मियों और अन्य विभागों के कर्मचारियों सहित तीर्थन घाटी में हुए नुकसान और राहत एवं पुनर्वास कार्यों का मौके पर जाकर जायजा लिया है।
उपमंडल बंजार हेम चन्द वर्मा ने पहले गुशैनी से शर्ची सड़क में हुई क्षति का निरीक्षण किया। इस सड़क मार्ग के बन्द होने की वजह इन्होने विभागीय अधिकारियों एवं कर्मचारियों सहित करीब बारह किलोमीटर तक के आने जाने का सफर कठिन पहाड़ी और जंगली रास्तों के बीच पैदल ही तय किया। इन्होंने मौके पर जाकर नुकसान का जायजा लिया और स्थानीय लोगों से बातचीत करके उनकी समस्या को ध्यानपूर्वक सुना और समाधान का आश्वासन दिया है।
इन्होंने घाटी की सभी सम्पर्क सड़कों को छोटे वाहनों की आवाजाही के लिए बहाल करने और राहत एवं पुनर्वास कार्यों में तेजी लाने के लिए अपने अधीनस्थ अधिकारियों को शीघ्र सुरक्षा उपाय तथा बड़ी मशीनरी लाने के लिए जरुरी दिशा निर्देश दिए है। बता दें कि गुशैनी से शर्ची सड़क मार्ग पर भारी बारिश और भूस्खलन से कई स्थानों पर बड़ी बड़ी दरारें आ गई है। इस सड़क मार्ग पर बंदल गांव के पास करीब आधा किलोमीटर तक बहुत गहरी दरार पड़ चुकी है जिनके धंसने का खतरा बना हुआ है जिस कारण कोशूनाली और निचले बंदल के दर्जनों आवासीय मकानों को खतरा पैदा हो गया है। यहां के लोग भी अपने घरों को छोड़ कर सुरक्षित स्थानों पर चले गए हैं।
घाटी की ग्राम पंचायत पेखडी में रूपाजानी गांव के पास उपर से बडी बडी चट्टाने खिसक रही है जिस कारण स्थानीय लोगों को खतरा बना हुआ है और लोग अपने घरों को छोड़ कर पलायन करने को मजबूर हो गए है। यहां के स्थानीय निवासियों आउंसू राम, परस राम, कुशाल चन्द, भोलू राम, चेत्त राम, रूप लाल और केवल राम के करीब दस रिहायशी मकान खतरे की जद में आ गए है। लोग अपने घरों को छोड़ कर सुरक्षित स्थानों पर चले गए है।
मंगलवार को उपमंडल अधिकारी बंजार हेमचंद वर्मा ने इस गांव में हुए नुकसान का मौके पर जायजा लेकर जरूरी सुरक्षा उपाय तथा प्रभावित लोगों को सरकारी राहत देने का आश्वासन दिया है। लोगों ने प्रशासन से मांग की है संबंधित विभागीय अधिकारियों और भू वैज्ञानिकों की टीम द्धारा इस क्षेत्र का संयुक्त रूप से निरीक्षण किया जाए। यदि यह स्थान रहने के लिए असुरक्षित हो चूका है तो यहां के बाशिंदों को अन्यंत्र स्थान पर विस्थापित किया जाए।
लोक निर्माण विभाग के सहायक अभियन्ता कीर्तिमान ठाकुर ने बताया कि सभी सम्पर्क सड़कों को खोलने का कार्य जोरों पर चला हुआ है। प्रभावित लोगों के लिए जरूरी सुरक्षा उपाय किए जाएंगे। इन्होने बताया कि शर्चि सड़क मार्ग को बहाल करने के लिए बडी मशीनरी लाई जा रही है और बहाली के कार्य को गति दी जाएगी। बंदल गांव के पास सड़क में आई दरारों को भी शीघ्र भरा जाएगा। इन्होंने बताया कि यह क्षेत्र काफी संवेदनशील बन चुका है। सरकार से भू वैज्ञानिकों की टीम भेजने बारे पत्राचार किया जा रहा है जो इस क्षेत्र का निरीक्षण करने के पश्चात जरूरी सुरक्षा उपाय सुझाएंगे।
उपमंडल अधिकारी हेम चन्द वर्मा ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि 7 जुलाई से लेकर 11 जुलाई तक कुल्लू जिला और समूचे बंजार क्षेत्र में भारी बारिश के कारण कई भवनों, मकानों, सड़कों, पुलों और रास्तों को अधिक क्षति पहुंची है। जिन लोगों के रिहायशी मकान असुरक्षित हो चुके है या पूरी तरह से ढह चुके है उनको पुनर्वास के लिए राहत मैनुअल के मुताबिक सहायता दी जा रही है।
प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया है जिनके लिए हर यथासंभव सहायता प्रदान की जाएगी। इन्होने बताया कि विकट भगौलिक परिस्थिति के कारण दूर दराज क्षेत्रों में खाद्य सामग्री पहुंचाने में कठिनाई पेश आ रही है। बंजार क्षेत्र की सभी मुख्य सड़कों को प्राथमिकता के आधार पर यातायात के लिए बहाल कर दिया गया है और सभी सम्पर्क सड़कों को खोलने का कार्य चला हुआ है।