विद्युत निर्माण परियोजनाओं का खामियाजा भुगत रहे हैं कुल्लू निवासी

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सुरभि न्यूज़ ब्यूरो

बंजार/कुल्लू

प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता इंदु पटियाल ने यहां एक पत्रकार वार्ता में कहा कि बाढ से प्रदेश में बहुत नुकसान हुआ है और कुल्लू जिला विशेष रूप से अधिक प्रभावित हुआ है। एक ओर जहां व्यास नदी के विकराल रूप ने नदी तटों को काट कर सड़कों, पुलों और व्यवसायिक परिसरों को धो डाला है तो वहीं बंजार में तीर्थन नदी में मिल कर चनौन, पलाचन, गाड़ागुशैनी जैसी खड्डों ने तबाही मचाई है। जिससे तीर्थन घाटी, बंजार से लारजी तक हालात भयावह बने हुए हैं। बंजार की डमोठी सब्जी मंडी और खुंदन स्थित हनुमान मंदिर सहित अनेक घरों को खतरा पैदा हो गया है। मंडी के पंचवक्त्र मंदिर की भांति खुंदन के हनुमान मंदिर में परिसर तो पूरी तरह क्षतिग्रस्त हुआ किंतु चमत्कार प्रभु श्री राम का कि इस मंदिर ने 1995,1905 और अब 1923 में भी यधपि जल समाधि ली है किंतु ये अति हैरतअंगेज सच्चाई है कि बाढ में मूर्तियों को आंशिक क्षति भी नहीं पहुंची। मंडी के पंचवक्त्र मंदिर का खूब प्रचार हुआ किंतु बंजार के खुंदन स्थित हनुमान मंदिर का कोई जिक्र न होना निराशाजनक है। मेरा प्रशासन से अनुरोध है कि इन पुरातन धरोहर मूर्तियों के संरक्षण हेतु परिसर को अविलंब संरक्षित किया जाए। किसानों, बागवानों की सुविधा हेतु सब्जी मंडी में सुरक्षा दीवार बनाई जाए। प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता इंदु पटियाल ने बताया कि सैंज, बंजार का क्षेत्र दि ग्रेट हिमालयन नै पार्क (विश्व धरोहर) में आता है और एशिया का सबसे बड़ा विद्युत प्रोजैक्ट लारजी, पार्बती परियोजना इसी क्षेत्र में बनी है। यही नहीं बल्कि नियुली में 100 मेगावाट का सांभा प्रोजेक्ट भी बना है, जिसका खामियाजा बाढ के रूप में जनता भुगत रही है। क्योंकि प्रोजेक्टों का निर्माण कर रही कंपनियों ने पर्यावरण संरक्षण नहीं किया बल्कि जहां तहां डंपिंग कर नदी, नालों को मलवे से भर दिया और लोगों का जीवन खतरे में डाल दिया। जिसका प्रमाण प्रतिवर्ष करोड़ों की हानि से हो रहा है। अत: सैंज नदी, तीर्थन नदी का तटिकरण उक्त समस्याओं के समाधान के लिए जरूरी है जो पार्क प्रबंधन, एनएचपीसी, एलएनटी और उनकी सहयोगी कंपनीज द्वारा कार्य प्रगति हो। मुख्य संसदीय सचिव, अध्यक्ष राहत ऐबम पुनर्वास कमेटी सुंदर सिंह ठाकुर इस बारे निर्देश संबंधित अधिकारियों को दें।

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