सुरभि न्यूज़
परस राम भारती, तीर्थन घाटी गुशैनी बंजार
जिला कुल्लू उपमंडल बंजार की तीर्थन घाटी में भी बारिश, बाढ़ और भूस्खलन ने भारी तबाही मचाई है। गौरतलब है कि 9 जुलाई से रुक रुक कर हो रही भारी बारिश, बाढ़ और भूस्खलन के कारण तीर्थन घाटी की कई संपर्क सड़कों, पुलों, रिहायशी मकानों, रास्तों, कृषि योग्य भूमि और नकदी फसलों को भारी क्षति पहुंची है। हालांकि पहले से स्थिती अब कुछ सामान्य हो चुकी है। नदी नालों का जलस्तर भी काफी हद तक कम हो गया है और घाटी के अधिकतर क्षेत्रों में यातायात, विद्युत एवं जल आपूर्ति तथा नेटवर्क बहाल हो चुका है। शासन प्रशासन के विभागीय अधिकारी एवं कर्मचारी, समाजसेवी संस्थाओं के पदाधिकारी, राजनीतिक दलों के नेतागण, स्थानीय विधायक और ग्रामीण लोग सड़क बहाली, राहत एवं पुनर्वास कार्य के लिए धरातल पर उतर चुके है।
तीर्थन घाटी के केन्द्र बिन्दु गुशैणी तक सड़क पहले ही छोटे वाहनों के लिए बहाल हो चुकी है, गुशैनी से पेखडी और देहूरी से कलवारी शनाढ, गुशैनी से बठाहड सड़क को बहाली का कार्य चला है जबकि गुशैनी से शर्ची और तिंदर सड़क पर अभी तक बहाली का कार्य शुरु नहीं हो पाया है। गुशैनी में अब एक वैकल्पिक मार्ग झूला पुल लगाने का भी कार्य प्रगति पर है।
तीर्थन घाटी की मुख्य सड़क को जोड़ने वाला गुशैनी पुल भी बाढ़ की चपेट में आ गया है जिसका दांया छोर क्षतिग्रस्त हो गया। इस पुल के बाधित होने से तीर्थन घाटी की चार ग्राम पंचायतों तुंग, मशीयार, शिल्ली और नोहांडा का सम्पर्क यातायात के लिए कट गया है। स्थानीय लोग खाने पीने के जरुरी सामान को अपने पीठ पर ढोने को मजबूर हैं। इस पुल के पुनर्निर्माण का कार्य चालु है जो अभी तक पैदल यात्रियों के लिए खुला रखा है।
वीरवार को हिमाचल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के डेलीगेट राम सिंह मियां ने भी प्रशासनिक अधिकारियों सहित तीर्थन घाटी के आपदा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा और निरीक्षण किया। इस दौरान इन्होंने तीर्थन नदी पर क्षतिग्रस्त गुशैनी पुल, शर्ची सड़क मार्ग, पेखड़ी सड़क मार्ग, बांदल और रूपाजानी गांवों का दौरा किया और मौके पर लोगों की समस्यायों को सुना। इन्होंने अधिकारियों को जरूरी दिशा निर्देश देकर राहत, पुनर्वास और सड़क बहाली के कार्य में तेजी लाने को कहा है। इस दौरान इनके साथ लोक निर्माण विभाग, वन विभाग, राजस्व विभाग, बंजार विधानसभा क्षेत्र कांग्रेस कमेटी के पदाधिकारी, स्थानीय ग्राम पंचायतों के जन प्रतिनिधि व अन्य गणमान्य लोग मौजूद रहे।
वहीं तीर्थन घाटी गुशैनी के गांव निचला बंदल, कोशुनाली और रूपाजानी गांवों में कई रिहायशी मकान खतरे की जद में आ गए है। सड़क और लोगों के मकानों में दरारें पड़ चुकी है जिस कारण भारी भूस्खलन हो सकता है तथा भारी जान माल के खतरे का अन्देशा बना हुआ है। ग्रामीण डर और भय के माहौल में रहने को मजबूर हैं। प्रशासन द्वारा एहतियातन तौर पर खतरे वाले मकानों से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने की हिदायत दी गई है। लोग अपने अपने घरों को छोड़ कर अपनी रिश्तेदारी में चले गए हैं। कई लोगों ने अपने घरों को खाली करना शुरु कर दिया है तथा कई लोग सिर्फ पहने हुए कपड़ो के साथ घर छोड़ कर सुरक्षित स्थानों पर चले गए हैं।
निचला बंदल और कोशुनाली गांवों में तारा देवी, पदम देव, शारदा देवी, धर्म चन्द, दुशाल चन्द, लगन चांद, चेत राम, घनथू राम, रविन्द्र कुमार, हेम राज, चंदे राम, किशन देव, जोगिंदर सिंह, राज देव, कुलदीप सिंह, भीमा देवी, राजकुमार, टेक राम, रमेश चन्द, महेन्द्र सिंह, तापे राम, उत्तम राम, जीत राम, सुरेन्द्र सिंह, जोगिंदर सिंह, रोतन सिंह, लता शर्मा, उदय शर्मा, संजय शर्मा, कुशाल शर्मा, तेज़ प्रताप शर्मा, केशव राम, प्रीतम शर्मा, तिलक राज शर्मा, हेम राज, तेजा सिंह, लीला देवी, इन्द्र सिंह आदि के रिहायशी मकान खतरे की जद में आ गए है। वहीं रूपाजानी गांव में आऊंसु राम, मोहिंद्र सिंह, बली राम, परस राम, भोलू राम, चेत राम, रुप लाल, केबल राम, कुशाल चन्द आदि के रिहायशी मकान रहने के लिए असुरक्षित हो चुके है। इन प्रभावित लोगों ने शासन प्रशासन से गुहार लगाई है कि इनके लिए शीघ्र ही राहत सामग्री और पुनर्वास की व्यवस्था की जाए।
हिमाचल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के डेलीगेट राम सिंह मियां ने कहा कि अब बंजार क्षेत्र में स्थिती सामान्य हो रही है। बठाहड सड़क शीघ्र ही छोटे वाहनों की आवाजाही के लिए चालू हो जाएगी और शर्ची सड़क के लिए बड़ी मशीनरी लाई जा रही है जबकि समूचे क्षेत्र में बिजली पानी को सुचारू किया जा चुका है।
इन्होंने बताया कि बंजार क्षेत्र में हर आपदा प्रभावित व्यक्ति तक प्रदेश सरकार की ओर से दी जाने वाली राहत पहुंचाने की कोशिश की जा रही है। इस दौरान इनके साथ अलग अलग स्थानों पर विभागिय अधिकारी, शर्ची वार्ड की समिति सदस्य लीला देवी, ग्राम पंचायत पेखडी की प्रधान पुष्पा देवी, पूर्व समिति सदस्य बली राम ठाकुर, पूर्व प्रधान हरी सिंह ठाकुर, नोहंडा के पूर्व प्रधान स्वर्ण सिंह ठाकुर, शर्ची के पूर्व प्रधान गुमत राम, धनी राम ठाकुर, हरी सिंह ठाकुर, धनेश्वर डोड, सुरेन्द्र डोड व अन्य गणमान्य लोग मौजूद रहे।