सुरभि न्यूज़ ब्यूरो
परस राम भारती, तीर्थन घाटी गुशैनी बंजार
जिला कुल्लू उपमंडल बंजार की तीर्थन घाटी गुशैनी में बीते माह हुई भारी बारिश और भुस्खलन के कारण कई रिहायशी मकान पूर्ण रूप से और कई आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए है। कई लोगों की मलकिती भूमि पूर्ण रूप से बाढ़ व भुस्खलन की चपेट में आ गई है और कई लोग बेघर हो गए है।
कोशूनाली गांव में करीब 20 परिवारों ने अपने अपने रिहायशी मकान खाली कर दिए है। इनमें से कुछ मकान पुरी तरह से जमीदोज़ हो गए है और कुछ आंशिक क्षति पहुंची है। यहां के कोशुनाली और निचला बंदल क्षेत्र में नदी की ओर से गांव के पिछे तक की पुरी जमीन धंस गई है जिस कारण शर्ची सड़क और इस स्थान में बने मकानों में बड़ी बड़ी दरारें आ चुकी है जो कभी भी ढह सकते है और यह रहने के लिए असुरक्षित हो चुके है। प्रशासन की ओर से पीड़ित परिवारों को राहत शिविर में टेंट लगवाकर शरण दी गई है। यहां पर करीब 30 परिवारों के रिहायशी मकान खतरे की जद में आ गए है। कुछ परिवार तो पुरी तरह से बेघर और भूमिहीन हो गए।
वहीं गुशैनी से दुसरी ओर रूपाजानी और पछेंनाल गांव में भी भूस्खलन से करीब 10 मकानों को खतरा पैदा हुआ है यहां पर अभी भी भयावह स्थिती बनी हुई है। इस क्षेत्र के कुछ स्थानों पर बड़ी बड़ी चटाने खिसकने के कगार पर खड़ी है जो कभी भी जानी माली नुकसान पहुंचा सकती है। हालांकि अब हालात सामान्य हो चुके है फिर भी प्रशासन द्वारा एहतियातन तौर पर इस क्षेत्र को असुरक्षित घोषित किया गया है और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर रहने की हिदायत की गई है तथा कुछ परिवारों को टेंट लगाकर राहत शिविरों में शरण दी गई है।
इसी सिलसिले में बुधवार को तीर्थन घाटी गुशैनी से आपदा प्रभावित लोगों का एक प्रतिनिधि मंडल शर्ची वार्ड के पूर्व बीडीसी सदस्य बली राम ठाकुर, शर्ची पंचायत के उप प्रधान सुरेन्द्र कुमार की अगुवाई में जिलाधीश कुल्लू आशुतोष गर्ग से उनके कार्यालय में मिले। यहां पर लोगों ने इस आपदा के कारण हो रही अपनी कठिनाइयों और समस्याओं को जिलाधीश कुल्लू के समक्ष मौखिक और लिखित रूप में रखा है। प्रभावित लोगों ने शासन प्रशासन से गुहार लगाई है इनके पुनर्वास हेतु शीघ्र ही जरुरी सुरक्षा उपाय किए जाएं।
प्रभावित लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि बेघर और भूमिहीन हुए परिवारों के लिए किसी सुरक्षित स्थान पर जमीन और मकान बनाने के उचित आर्थिक सहायता प्रदान की जाए। लोगों ने कहा है कि प्रशासन द्वारा जो टेंट दिए गए है वो कच्चे और निम्न दर्जे के है जो हवा से ही उखड़ रहे है। अब आगे सर्दी का मौसम आने वाला है तो इन टेंटों में रहना मुश्किल हो जायेगा। इन्होंने सरकार से मांग की है कि जब तक इनके लिए नए आवास उपलब्ध नहीं होते तब तक रहने के लिए उच्च दर्जे के फेब्रिकेटेड हट मुहैया करवाए जाएं। इसके साथ ही पीड़ित लोगों ने जिलाधीश कुल्लू से अभी तक कोई भी मुआवजा या आर्थिक सहायता राशि ना मिलने की बात भी कही है। इस दौरान भूतपूर्व सैनिक एवं पूर्व में हिमाचल प्रदेश चालक परिचालक संघ के अध्यक्ष रहे उदय शर्मा, कुशाल शर्मा, रमेश कुमार, पदम सिंह, चन्दे राम, तारा देवी, नीला देवी, सेस राम आजाद, परस राम भारती और भोले दत आदि मौजुद रहे।
जिलाधीश कुल्लू आशुतोष गर्ग ने पीड़ित परिवारों की समस्या को ध्यानपूर्वक सुना और लोगों को आश्वस्त किया है कि शीघ्र ही इनके पुनर्वास हेतु जरुरी कदम उठाए जाएंगे। इन्होनें बताया कि अभी तक भू वैज्ञानिको की रिपोर्ट नहीं पहुंची है जिसके लिए पत्राचार किया जाएगा। इन्होंने कहा है कि सभी आपदा प्रभावित लोगों को हुए नुकसान का फिर से आकलन करवाया जाएगा और राहत मैनुअल के अनुसार उचित मुआवजा प्रदान करेंगे। जिलाधीश कुल्लू ने लोगों को आश्वस्त किया कि सर्दी के मौसम के लिए उनके लिए फेब्रिकेटेड हट भी दिए जाएंगे।