सुरभि न्यूज़ ब्यूरो
देव शर्मा, मोरनी
भोज मटोर की सबसे बड़ी पंचायत मांधना के सात वास के ग्रामीण इन दिनों पानी के लिए दर-दर भटक रहे हैं। मांधना में पेयजल संकट को लेकर लोगों में गुस्सा भी हैं कि न तो स्थानीय नेता और न ही अधिकारी इस का प्रयास कर रहे हैं। कुछ साल पहले गाँव में एक जलघर बना था जिससे 4 दिन से पानी की सप्लाई नहीं हो रही है।
ग्रामीणों ने कई बार शिकायत की परंतु जूनियर इंजीनियर ने उनकी बातों को टालमटोल कर अपने कार्य से पल्ला झाड़ लिया। लोग दूषित पानी पीने को मजबूर हैं। पानी लाने के लिए ग्रामीणों को डेढ़ किलोमीटर तक दूर जाना पड़ता है। मांधना के समस्त वासियों का कहना है कि इस गाँव के लोग आज भी मूलभूत सुविधा से वंचित हैं।
वहीं, आशु शर्मा ने कहा कि गाँव में पानी की काफी किल्लत है। वैसे तो जल विभाग ने नलकूप लगवाये हुए हैं जिन्हे ठीक करने में कई दिन और लग सकते है। उन्होंने बताया की मोरनी क्षेत्र की सबसे बड़ी पंचायत में इतना बुरा हाल है, तो अन्य छोटी पंचायत में तो क्या ही हाल होगा। लगभग 700 घर के लिए एक ही पंप है वह भी काफी पुराना है जो खराब रहता है और स्पेयर में दूसरा पंप नहीं है। पंप की मोटर का बार बार खराब होना इसके बारे में कोई भी प्रतिनिधि व अधिकारी जिम्मेवारी नहीं ले रहा है।
लोगों की समस्या उठाने के लिए 26 नवंबर को जब जल विभाग के एस डी ओ से फ़ोन पर बात की तो उन्होंने आश्वाशन दिया की ख़राब मोटर को ठीक करने का काम युद्ध स्तर पर चला हुआ है और जल्दी ही जल सुचारु रूप से आ जाएगा। ग्रामीणों ने ख़राब मोटर को जल्दी से जल्दी ठीक करने को कहा और बोला अगर समय रहते ठीक नहीं किया तो उच्च अधिकारियो को इसकी शिकायत करेंगे की विभाग इस तरफ बिल्कुल ध्यान नहीं दें रहा। अतः ख़राब मोटर की समस्या को देखने अभी तक न कोई नेता और न कोई अधिकारी आया।
बिगड़ी पेयजल व्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए जलदाय विभाग के अधिकारी पुख्ता प्लान बनाए। जल संकट को लेकर विभाग की लापरवाही से समस्त लोग दूषित पानी का इस्तेमाल इंसान के साथ मवेशी भी कर रहे हैं। जल संकट को लेकर विभाग को कई बार आवेदन दिया। अधिकारी गाँव की पेयजल संकट को दूर करें।
पेयजल सप्लाई चालू नहीं होने से ग्रामीणों में प्रशासन व जनप्रतिनिधियों के प्रति गहरा रोष व्याप्त है। मांधना के सात वास में जल सप्लाई को जल्द दुरुस्त किया जाए, अन्यथा ग्रामीणों को शासन व प्रशासनप्रशासनिक के प्रति धरना पर उतरना पड़ेगा।