छोटाभंगाल के जंगल में लगी आग को बुझाने में पति-पत्नी ने निभाई अहम भूमिका 

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सुरभि न्यूज़

खुशी राम ठाकुर, बरोट

जिला कांगड़ा की दुर्गम छोटाभंगाल में शरारती तत्वों द्वारा जंगलों में आगे लगाने का सिलसिला जोरों पर हो रहा है। प्राप्त जानकारी के अनुसार वन विभाग के दयोट वीट तथा स्वाड़ वीट के जंगलों में शरारती तत्वों द्वारा आग लगा देने से कई एकड़ भूमि में फैले जंगल में कई प्रजाति के छोड़े बड़े पेड़-पौधे जलकर राख हो गए है और गत देर शाम को घाटी को ही वन विभाग की कोठी कोहड़ वीट में चेलरा दी मलाह गाँव के समीप भूणू नामक जंगल में भी किसी शरारती तत्व द्वारा आग लगाई गई जिस कारण आग से लगभग पांच एकड भूमि में उगे छोटे-बड़े रई, देवदार, बुरांस, खरसू, कशमल व जामून आदि के सैंकडों पेड़-पौधे आग की भेंट चढ़ गए।

सुबह उठते ही चेलरा दी मलाह के गाँववासियों ने जंगल से उठ रहे धूएं को देखा तो गाँववासी एक दूसरे को मौके पर आग बुझाने को कहते रहे मगर उसके बावजूद भी सभी गाँववासी एक दूसरे को कहने तक ही सिमट कर रहे गए। मगर गाँव के मात्र एक परिवार पाठशाला सरला में कार्यरत अध्यापक व समाजसेवक शिवजीत सिंह तथा उनकी पत्नी महिला प्रधान अनिता देवी ने हिम्मत जुटाकर मौके पर जाकर आग बुझाने में जुट गए। उन्होंने अपने कर्तव्य को समझते हुए मौके पर जाकर आग को काबू किया। शिवजीत सिंह ने बताया कि उन्होंने अपनी पत्नी के साथ लगभग चार घंटे तक कड़ी मशक्त के बाद आग को काबू किया। जिस कारण आग ओर भड़कने से बच गयी तथा हजारों पेड़ पौधों तथा पशु- पक्षियों की जान भी बचा सके। उन्होंने वन विभाग तथा प्रशासन से आग्रह किया है कि घाटी के जंगलों में बार-बार आग लगाने वाले शरारती तत्वों को तुरंत पकड़ा जाए। आग बुझाने वाले अध्यापक शिवजीत सिंह और उनकी पत्नी अनिता देवी ने अपने कर्तब्य को समझते हुए अहम भमिका निभाई है।

 

 

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