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सुरभि न्यूज़
रविंदर चंदेल, बिलासपुर
राजकीय महाविद्यालय बिलासपुर में एन.सी.सी. आर्मी विंग एवं गणित विभाग के संयुक्त तत्वाधान में राष्ट्रीय महिला दिवस बड़ी धूमधाम से मनाया गया। इस अवसर पर महाविद्यालय प्राचार्य. प्रो. नीना वासुदेवा ने मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की।
कार्यक्रम के आरम्भ में एन.सी.सी. कैडेट गगन ठाकुर ने कार्यक्रम में पधारे 100 कैडेट्स और गणित विभाग के बच्चों तथा उपस्थित सभी सहायक आचार्यों का स्वागत और अभिनंदन किया।
उन्होंने संक्षिप्त रूप में सबको आज के विशेष दिन की महत्ता पर प्रकाश डाला।
एन.सी.सी. अधिकारी सहायक आचार्य गणित लेफ्टिनेंट डॉ. जय महलवाल ने राष्ट्रीय महिला दिवस के ऊपर अपने विचार रखे उन्होंने बताया कि वैसे तो अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस हर वर्ष 8 मार्च को मनाया जाता है। जिसकी शुरूआत ऑस्ट्रिया, जर्मनी, स्विट्जरलैंड और डेनमार्क से हुई थी।
आधिकारिक रूप से संयुक्त राष्ट्र द्वारा इसको मान्यता 8 मार्च, 1975 में दी गई और भारतवर्ष में 13 फरवरी, 2014 से महिलाओं द्वारा किए गए उनके कार्यों तथा अधिकारों के लिए उनकी भूमिका के लिए इस दिन को विशेष रूप से याद किया जाता है। इसे सरोजिनी नायडू जिनको नाइटेंगल ऑफ़ इंडिया के नाम से भी जाना जाता है इनकी जयंती के रूप में भी मनाया जाता है।
कैडेट नम्रता शर्मा ने भारत में महिलाओं के योगदान तथा उनके द्वारा किए गए कार्यों को विस्तार पूर्वक बताया। कैडेट अभिषेक ठाकुर ने महिला दिवस एक दिन ही नहीं बल्कि यह एक अवसर है जब हम महिलाओं के प्रति सम्मान, समानता और समर्थन को प्रकट करते हैं। उन्होंने यह भी बताया कि आज महिलाओं को समाज के हर क्षेत्र में अपनी जगह को लेने का शुभ अवसर प्राप्त है। वह अपने सपनों को पूरा करने के लिए समर्पित है। हमें उनका प्रोत्साहन करना चाहिए।
कैडेट पलक गुप्ता ने अपनी कविता के माध्यम से कहा कि फूल जैसी कोमल नारी कांटो जितनी कठोर नारी अपनों की हिफाजत में सबसे अव्वल नारी दुखों को दूर कर खुशियों को समेटे नारी फिर लोग क्यों कहते हैं तेरा अस्तित्व क्या है नारी ? महिलाओं के प्रति कविता का सुंदर प्रस्तुतिकरण किया। गणित विभाग से प्रो. रितु शर्मा, डॉ. राधेश्याम और डॉ. रेणु कुमारी ने भी अपने – अपने विचार रखे।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि महाविद्यालय प्राचार्य प्रो.नीना वासुदेवा ने अपने संबोधन में कहा कि वैसे तो अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस हम हर वर्ष ही मनाते हैं लेकिन राष्ट्रीय महिला दिवस शायद हम महाविद्यालय में पहली बार ही मना रहे हैं। इसके लिए एन.सी.सी.आर्मी विंग और गणित विभाग बधाई के हकदार है जो महिलाओं के सम्मान में इस दिवस को विशेष रूप से मना रहे हैं।
उन्होंने सब बच्चों का मार्गदर्शन करते हुए बताया की पुराने समय में किस तरह से जब किसी के घर में बेटी का जन्म होता था तो उस घर में खुशियां नहीं मनाई जाती थी। वर्तमान समय में भी कहीं-कहीं पर अब भी यह प्रचलन है कि अगर बेटी का जन्म हो जाए तो लोग सिर्फ इतना कहकर अटपटे जैसे मन से बधाई दे देते हैं की मुबारक हो आपके घर में लक्ष्मी आई है या सरस्वती का जन्म हुआ है।
राष्ट्रीय महिला दिवस मनाने के पीछे यही एक ध्येय है कि हम महिलाओं द्वारा किए गए काम व उनके अधिकारों का सम्मान करें। उनको समाज में बराबर हकदार के रूप में देखें। समय बदल गया है लोग बेटी के जन्मदिन को बड़ी धूमधाम से मनाते हैं जो कि काबिले तारीफ है। सरकार भी अब महिलाओं के बारे में विशेष रूप से कई योजनाएं प्रारंभ कर रही है। एन.सी.सी. कैडेट्स ने इस अवसर पर पोस्टर भी बनाए थे जिनकी तारीफ प्राचार्य महोदया ने अपने संबोधन में भी की। अंत में डॉ. रेणु ने सबका धन्यवाद किया।