हिमाचल किसान सभा जोगिंदर नगर कमेटी ने मोदी सरकार की किसान विरोधी नीतियों के खिलाफ किया धरना प्रदर्शन

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सुरभि न्यूज़ ब्युरो

जोगिन्दर नगर, 26 फरवरी

एमएसपी की (सी 2 + 50 % फॉर्मूले के अनुरूप) कानूनी गारंटी देने, किसानों की सम्पूर्ण कर्जा माफी करने, बिजली विधेयक 2020 को निरस्त करने, किसानों पर दर्ज झूठे मुकद्द्मे वापस लेने की मांग को लेकर तथा मोदी सरकार की किसान विरोधी एवं दमनकारी नीतियों के खिलाफ आज हिमाचल किसान सभा की जोगिंदर नगर कमेटी ने राज्य उपाध्यक्ष एवं जिला परिषद सदस्य कुशाल भारद्वाज के नेतृत्व में अढ़ाई घंटे तक धरना प्रदर्शन आयोजित किया।

इस अवसर पर किसान सभा ब्लॉक कमेटी अध्यक्ष रविंदर कुमार, उपाध्यक्ष प्रताप चंद, सुदर्शन वालिया, भगत राम वर्मा, दलीप कुमार, पूर्ण चंद, कृष्णा देवी, निशा देवी, मीना देवी, बिमला देवी, विजय कुमार, सुभाष चंद, राम सिंह, जमना देवी, सुरेखा देवी, कुंडला देवी, राधा देवी, सुरेश कुमार आदि भी शामिल रहे। कुशाल भारद्वाज, रविंदर कुमार, प्रताप चंद तथा सुदर्शन वालिया ने प्रदर्शनकारियों को संबोधित किया।

इस अवसर पर कुशाल भारद्वाज ने कहा कि मोदी सरकार ने किसानों से किया एक भी वायदा पूरा नहीं किया। मोदी के 10 साल का शासन किसानों के क्रूर दमन के लिए हमेशा याद रखा जायेगा। देश के संसाधनों को लूटने वाले पूंजीपतियों के हजारों करोड़ रू के कर्जे भाजपा सरकार ने कई बार माफ किए, उन्हें टैक्स में बड़ी छूट दी गई, बेल आऊट पैकेज दिए गए लेकिन वोट लेने के लिए जिन किसानों की कर्ज माफी का वायदा किया गया था, उनका एक पैसा माफ नहीं किया। सी 2+ 50% के फॉर्मूले से एमएसपी की कानूनी गारंटी के वायदे को भी पूरा नहीं किया। बिजली विधेयक को वापस नहीं लिया और किसानों की जमीन हथियाने तथा कॉरपोरेट्स की कृषि क्षेत्र में घुसपैठ को सुगम बनाने के लिए कई अध्यादेश इस सरकार ने थोंपे।

जब भी किसानों ने अपने हक के लिए आवाज उठाई तो मोदी सरकार ने लाठी गोली, मुकद्दमों और क्रूर दमन के सहारे किसानों को जवाब दिया। किसानों पर बर्बर गोलियां दागने, अश्रुगैस के गोले दागने, रबड़ बुलेट दागने से यह सिद्ध हो गया कि बीजेपी सरकार कॉरपोरेट की नौकर बनकर रह गई है तथा अंग्रेजों की तरह ही किसानों, मजदूरों का दमन करती है।

उन्होंने कहा कि भारत को विश्व व्यापार संगठन से बाहर निकलने चाहिए, क्योंकि डब्ल्यूटीओ पर विकसित साम्राज्यवादी देशों का वर्चस्व है और भारत जैसे विकासशील देशों पर वे अपनी एकतरफा शर्तें थोपते हैं। सब्सिडी घटाने और न्यूनतम समर्थन मूल्य हटाने का दबाव भी उन देशों का है ताकि उनके कम खर्च पर पैदा हुए कृषि उत्पादन भारत की मार्केट में छा जाएं और भारतीय किसानों के उत्पादन पिट जाएं। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार मनरेगा कानून को भी खत्म कर फिर से ठेका प्रणाली को थोंपना चाहती है।

कुशाल भारद्वाज ने कहा कि 10 वर्ष का भाजपा शासन कमरतोड़ महंगाई थोंपने, बेरोजगारी बढ़ाने, भूखमरी बढ़ाने और भ्रष्टाचार के लिए भी याद किया जाएगा। जनता की सुविधाएं छीन कर पूंजीपतियों को संसाधन व धन लुटवाने और बदले में चुनावी बॉन्ड्स के माध्यम से भाजपा के लिए धन बटोरने के लिए भी इस सरकार को याद रखा जायेगा।

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