रंगमंच : छठी संध्या : रोहतक हरियाणा की सप्तक सोसायटी के कलाकारों ने नाटक सैयां भये कोतवाल का सफलतापूर्वक किया मंचन

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सुरभि न्यूज ब्यूरो
कुल्लू, 7 मार्च

स्थानीय संस्था ऐक्टिव मोनाल कल्चरल ऐसोसिएशन द्वारा उत्तर क्षे़त्र सांस्कृतिक केन्द्र पटियाला के सहयोग से भाशा एवं संस्कृति विभाग हिमाचल प्रदेश के संयुक्त तत्वावधान में कला केन्द्र कुल्लू में आयोजित किए जा रहे नौ दिवसीय ‘कुल्लू राष्ट्रीय नाट्य महोत्सव’ की छठी संध्या रोहतक हरियाणा की सप्तक सोसायटी के कलाकारों ने वसंत सबनीस द्वारा लिखित नाटक विष्व दीपक त्रिखा के निर्देशन में सफलतापूर्वक मंचित किया। बतौर मुख्य अतिथि जिलाधीष तोरूल एस रबीश ने शिरकत की।

नाटक में प्रशासनिक भ्रष्टाचार और भाई भतीजवाद के मुद्र्दे को बेहद संजीदा तरीके से उठाया गया। नाटक में एक राज्य के हवलदार की कहानी दर्शाई गई, जिसका अब कोतवाल बनने का नम्बर है। वह बुज़ूर्ग कोतवाल के मरने का इन्तज़ार कर रहा है और अपनी प्रेमिका मैनावती से शादी भी कोतवाल बनने के बाद ही करना चाहता है। कोतवाल मर जाता है, लेकिन अय्याष और राजकाज के प्रति लापरवाह राजा की कमज़ोरी का फायदा उठाकर राज्य का प्रधान अपने गंवार
व अयोग्य साले को कोतवाल बना देता है।

इस तरह हवलदार का सपना टूट जाता है और वह नए कोतवाल की असलियत राजा के सामने लाकर, उसे हटवाने की योजना बनाता है। वह अपने साथी सिपाही तथा मैनावती के साथ के साथ मिलकर कोतवाल से राजा की कई सारी चीज़े चोरी करवाता है। लेकिन राजा को चोरी का पता तभी चलता है, जब उसका पलंग भी चोरी हो जाता है। तब हवलदार
राजा को सारी कहानी बताता है। ऐसी स्थिति पैदा होजाती है कि कोतवाल खुद सब कुछ अपने मुहूँ से बक देता है। फिर राजा हवलदार को नया कोतवाल बना देता है और मैनावती से भी उसकी शादी हो जाती है। दर्शकों ने नाटक का खूब आनन्द उठाया और दर्शक दीर्घा में हंसी के फब्बारे फूटे। नाटक में अविनाश, सुरेन्द्र, चेरी, शक्ति, मनीश, नवदीप आदि
कलाकारों ने अभिनय किया।

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