चौहार घाटी के सबसे दुर्गम गांव रूलिंग को आजादी के बाद आज भी नहीं मिल पाई बस सुविधा

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सुरभि न्यूज़

खुशी राम ठाकुर, बरोट

लोकनिर्माण विभाग के उपमंडल झटिंगरी के अंतर्गत आने वाले वोचिंग- रूलिंग सड़क मार्ग में एक सरकारी बस चालने की मांग को स्थानीय लोगों ने जोरदार ढंग से उठाना शुरू कर दिया है। वोचिंग – रूलिंग सड़क मार्ग पर बस की सुविधा मिलने से कढ़ियाण, सच्चाण, लपास, नोट , सच्चाण गहर, कशामल, गलू तथा रूलिंग गाँवों के लगभग दो हज़ार लोगों को लाभ मिलेगा।

प्राप्त जानकारी के अनुसार इन गाँव वासियों की जोरदार मांग पर सरकार ने जिला मंडी के सबसे ऊंचे दुर्गम गाँव रूलिंग को सड़क मार्ग से जोड़ से तो जोड़ दिया है मगर इस सड़क मार्ग में सरकार बस सुविधा शुरू  करना भूल गई है। गौरतलव है कि गत वर्ष द्रंग क्षेत्र के पूर्व विधायक जवाहर ठाकुर ने वोचिंग-रूलिंग सड़क मार्ग के बीच कशामल गाँव तक बस का सफल ट्रायल किया था लेकिन अभी तक कशामल गाँव तक भी बस को नहीं चलाया गया है। जिस कारण इन गाँवों के लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

लपास पंचायत के प्रधान रमेश कुमार ठाकुर ने कहा कि वोचिंग – रूलिंग सड़क मार्ग पर बस न चलाने पर स्थानीय लोगों में सरकार के प्रति भारी रोष ब्याप्त है। लोंगों का कहना है कि कशामल गाँव तक तो बस योग्य सड़क मार्ग का ट्रायल हो गया है मगर फिर भी लोगो को यहाँ तक बस सुविधा से नहीं जोड़ा जा रहा है।

प्रधान रमेश कुमार ठाकुर ने सरकार तथा लोकनिर्माण विभाग से मांग करते हुए कहा कि इन गाँव वासियों की इस गंभीर समस्या को मद्देनज़र रखते हुए कशामल गाँव तक सुबह तथा शाम के रूट वाली सरकारी बस को चलाया जाए और कशामल से आगे भी जल्द से जल्द बस योग्य सड़क बनाकर जिले के सबसे ऊंचाई वाले रूलिंग गाँव को भी बस सुविधा से जोड़ा जाए।

रमेश कुमार ठाकुर ने कहा कि वोचिंग – रूलिंग सड़क मार्ग बस सुविधा जुड़ जाने से जहां स्थानीय गांववासियों को लाभ मिलेगा वहीं यहाँ पर स्थानीय व बाहरी क्षेत्रों से आने वाले पर्यटक लपास व रूलिंग गांव के प्राकृतिक झरने तथा सौंदर्य का भरपूर आनंद लेने के साथ – साथ जिला के सबसे ऊंचे गाँव रूलिंग की हसीन वादियों का अवलोकन भी आसानी से कर सकेंगे।

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