नकदी फ़सल सेब को ओलों से बचाव को सेब पौधों पर डाली जा रही एंटी हेलनेट 

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सुरभि न्यूज़
सज आर शर्मा, आनी:
मौसम की बेरुखी से सेब की फसल पर संकट छा गया है। सर्दियों में लंबे समय तक बारिश का ना होना और फलावरिंग के दौरान बारिश और ओलावृष्टि के होने से इस बार सेब उत्पादन में भारी गिरावट की आशंका जताई जा रही है। सूबे में एक बार फिर से मौसम के बदलने वाले मिजाज को देखते हुए फिर से मौसम के सक्रिय होने की संभावना जताई जा रही है। जिसके चलते बागवानों को परागण की चिंता सता रही है कि इस बार भी पिछले वर्ष की तरह सेब सेटिंग में मौसम बाधा न डाले, ऐसे में बागवान सक्रिय हो गए हैं और इन दिनों अपने सेब बगीचे में सेब फसल को ओलों से बचाव को सेब पौधों पर एंटी हेलनेट की सफेद चादर ओढाने के कार्य में जुट गए हैं। आनी क्षेत्र के निचले. मध्यम व उपरी बेल्ट के अधिकांश इलाकों में सेब फ़सल को संभावित ओलावृष्टि से बचाव के लिए बागवान सतर्क हो गए और  समय रहते अपने सेब बाग़ानों में एंटी हेलनेट डालने के  कार्य में जुट गए हैं। जिससे आनी क्षेत्र की पूरी वादियां इन दिनों एंटी हेलनेट की सफेद चादर से सराबोर हो गई हैं। आनी के सेब बहुल क्षेत्र जाबन् के प्रगतिशील बागवान घनश्याम ठाकुर, यश पाल, लीला चन्द तथा  सुरेश ठाकुर सहित क्षेत्र के अन्य बागवानों का कहना है कि ओलावृष्टि के कहर से सेब की फ़सल को बचाने के लिए पौधों पर समय रहते एंटी हेलनेट लगाना बेहद जरूरी है। हेलनेट लगाने से सेब की टहनियां, बीमे व पत्तियां सुरक्षित रहती हैं और तापमान भी सामान्य रहने के आसार रहते हैं। जबकि फूलों पर परागण प्रक्रिया भी सही हो पाती है। उन्होंने उम्मीद जताई कि मौसम ने यदि साथ दिया तो इस बार सेब फ़सल की अच्छी पैदावार होगी।

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