हिमाचल की संस्कृति और सभ्यता को जानने  केरला से कश्मीर तक पैदल यात्रा पर निकले केरल के अश्विन 

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सुरभि न्यूज़
सी शर्मा, आनी:-
हिमाचल को यूँ ही देवभूमि नहीं कहा जाता। क्योंकि  यहाँ  लगभग हर गाँव में देवी देवताओं के मन्दिर हैं और अपने अपने ईष्ट देवी देवताओं के प्रति यहाँ के लोगों में अग़ाद्ध श्र्द्धा है। जबकि हिमाचल के कई जिलों की प्राकृतिक सुंदरता सैलानियों को बरबस ही अपनी ओर  आकर्षित करती है। इसी कड़ी में हिमाचल की प्राकृतिक सुंदरता को करीब से निहारने के लिए केरला के युवा अश्विन पैदल यात्रा पर. केरल से हिमाचल की ओर निकले हैं। जो शनिवार को कुल्लू के उपमंडल मुख्यालय आनी पहुंचे   जहाँ स्थानीय व्यापार मंडल के सदस्य किरत राम शर्मा. रवि कांत. राजू शर्मा और रिंकू सूद ने अश्विन का स्वागत किया और उनके जज्बे को सराहा। व्यापार मंडल के सदस्यों ने अश्विन को हिमाचल के हर क्षेत्र की संस्कृति से भी अवगत कराया।
वहीं पैदल यात्री अश्विन ने हिमाचल के हर प्रांत की प्राकृतिक सुंदरता और लोक संस्कृति पर फ़िदा होते हुए कहा कि हिमाचल. एक बहुत ही  खूबसूरत और शांत प्रिय प्रांत  है और यहाँ के लोग भी  बहुत ही  भोले भाले और सभ्य हैं। अश्विन ने कहा कि वह पिछले 90 दिनों से यात्रा पर निकले  हैं और   हिमाचल में अब तक राजधानी  शिमला. किन्नौर. लाहौल स्पिति के काजा . रामपुर तथा   लुहरी के बाद शनिवार को आनी पहुंचे हैं. जहाँ  उन्होंने यहाँ के खूबसूरत स्थलों का दौरा कर.  लोगों  से यहाँ की   संस्कृति को जाना। अश्विन ने  देवता पनेवी नाग का आशीर्वाद भी लिया। जबकि  उनके खाने की निशुल्क  व्यवस्था व्यापार मंडल  के  सदस्य एवं हाटेशबरी भोजनालय के संचालक  किरत राम शर्मा ने की। केरल  से आये अश्विन ने इस आतिथ्ये के लिए  व्यापार मंडल  आनी का आभार जताया और कहा कि  वह  पर्यावरण संदेश को लेकर यात्रा पर निकले हैं। अश्विन  न कहा कि  हिमाचल के बाद  वे नार्थ इंडिया और अंत में नेपाल तक यात्रा पुरी करेंगे।।

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