सुरभि न्यूज़ ब्यूरो
जोगिन्दर नगर, 14 जून
- घबराएं नहीं…..आपदा प्रबंधन की तैयारियों जांचने को स्थानीय प्रशासन ने किया मॉक अभ्यास
हिमाचल प्रदेश के सभी जिलों में आज निर्धारित आपदा संबंधित मैगा मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया। जिसके तहत जोगिन्दर नगर के साथ लगते दुल गांव में नाले में पानी बढ़ने के कारण हुए भूस्खलन पर मॉक अभ्यास का आयोजन किया गया। इस मॉक अभ्यास में पुलिस, होमगार्ड, अग्रिशमन, जल शक्ति, आयुष, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, महिला एवं बाल विकास, खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले, लोक निर्माण, एचआरटीसी तथा सूचना एवं जन संपर्क विभागों के अधिकारियों व कर्मियों ने भाग लिया। जोगिन्दर नगर में आयोजित इस पूरे मैगा मॉक ड्रिल को एसडीएम जोगिन्दर नगर मनीश चौधरी की निगरानी में आयोजित किया गया।
एसडीएम मनीश चौधरी ने बताया कि राज्य व जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा निर्धारित टास्क भूस्खलन को लेकर जोगिन्दर नगर के दुल में मैगा मॉक अभ्यास आयोजित किया गया। इस मैगा मॉक ड्रिल को आयोजित करने का प्रमुख उद्देश्य जहां भूस्खलन जैसी प्राकृतिक आपदा से निपटने के लिए स्थानीय प्रशासन की तैयारियों को जांचना था तो वहीं लोगों को इन प्राकृतिक आपदाओं के प्रति जागरूक करना रहा।
उन्होंने बताया कि निर्धारित टास्क के तहत जैसे ही स्थानीय प्रशासन को दुल्ल गांव में भूस्खलन होने की सूचना प्राप्त हुई तो इंसीडेंट कमांडर एवं तहसीलदार जोगिन्दर नगर डॉ. मुकुल शर्मा की अगुवाई में राहत एवं बचाव कार्य हेतु टीम को मौके पर भेजा गया। भूस्खलन के कारण दुल्ल गांव में तीस परिवार प्रभावित हुए जिनमें से 27 को सुरक्षित निकाल लिया गया जबकि तीन परिवारों के कुल 10 लोग घरों में फंसे पाए गए। इन में से भी 6 लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला गया जबकि तीन लोग आंशिक रूप से तथा एक व्यक्ति सिर में चोट लगने के कारण गंभीर रूप से घायल अवस्था में निकाला। उन्होंने बताया कि आंशिक रूप से घायल व्यक्तियों को मौके पर मेडिकल टीम द्वारा प्राथमिक उपचार प्रदान किया तथा गंभीर रूप से घायल व्यक्ति को एंबुलेंस के माध्यम से चिकित्सीय जांच को सिविल अस्पताल जोगिन्दर नगर भेजा गया।
एसडीएम ने बताया कि मैगा मॉक ड्रिल के दौरान निर्धारित प्रोटोकॉल के तहत मेला ग्राउंड जोगिन्दर नगर में कमांड पोस्ट, स्टेजिंग एरिया, मेडिकल कैंप स्थापित किये थे। इसके अलावा प्रभावित परिवारों के लिए राहत शिविर भी लगाया गया था। उन्होंने कहा कि इस पूरे मैगा मॉक अभ्यास आयोजन का उद्देश्य भूस्खलन जैसी आपदा के दौरान जहां तैयारियों को जांचना था तो वहीं चलाए जाने वाले विभिन्न राहत व बचाव कार्यों का भी अभ्यास करना था। उन्होंने कहा कि इस पूरे मैगा मॉक ड्रिल के दौरान राहत, बचाव एवं पुनर्वास कार्यों के प्रति विभिन्न विभागों के बीच आपसी समन्वय भी स्थापित करना रहा। इसके अलावा विभिन्न विभागों के पास उपलब्ध मशीनरी सहित सभी उपकरणों को भी जांचना रहा, जिनका इस तरह की आपदा के दौरान इस्तेमाल किया जा सकता है।
उन्होंने स्थानीय लोगों से भी अपील की कि इस तरह के मॉक अभ्यास से घबराएं नहीं बल्कि स्वयं को भी जागरूक करने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि ऐसी किसी प्राकृतिक आपदा में स्थानीय प्रशासन, पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिनिधि एवं स्थानीय लोग मिलकर न केवल जान माल के नुकसान को कम कर सकते हैं बल्कि समयबद्ध राहत व बचाव कार्य शुरू करने में भी मददगार साबित हो सकते हैं। साथ ही कहा कि भविष्य में इस तरह की कोई भी आपदा घटित होती है तो इसकी सूचना तुरंत स्थानीय प्रशासन को देना सुनिश्चित बनाएं।
इस मॉक ड्रिल के दौरान तहसीलदार डॉ. मुकुल शर्मा के अतिरिक्त तहसीलदार लडभड़ोल उर्मिला सुमन, नायब तहसीलदार प्रिंस धीमान, विनय, सीडीपीओ बीआर वर्मा, उपमंडलीय आयुष अधिकारी डॉ. निशी शर्मा, थाना प्रभारी अश्वनी कुमार, सहायक अभियन्ता जल शक्ति प्रकाश राठौर, खाद्य निरीक्षक के.सी. पुरी, अड्डा प्रभारी एचआरटीसी रमेश कुमार, कनिष्ठ अभियन्ता हरीश गोस्वामी सहित अन्य अधिकारी व कर्मचारी मौजूद रहे।