मीडिया कर्मियों की कार्य प्रणाली पर उठती उंगलियां, पत्रकारिता की अस्मिता व विश्वयनीयता पर सवाल

Listen to this article
प्रताप अरनोट
सुरभि न्यूज़ 
कुल्लू, 15 जून 
पिछले काफी दिनों से खासतौर पर कुल्लू जिला में कुछ एक पत्रकारों की कार्य प्रणाली पर लगातार अलग-अलग संगठनों द्वारा उंगलियां उठाई जा रही है। जिसकी वजह से पत्रकारिता की अस्मिता-विश्वसनीयता सवालों के घेरे में आ गई है। लोगों में पत्रकारों को लेकर तरह-तरह की आशंकाएं पनपने लगी है। लेकिन कुछेक मीडिया कर्मी इस स्थिति को समझने के लिए तैयार ही नहीं हैं। जिसकी वजह से उनके साथ अन्य तमाम पत्रकारों की भी समाज में खूब छिछालेदर हो रही है।
उल्लेखनीय है कि चुनाव के बाद सबसे पहले बंजार के विधायक सुरेंद्र शौरी ने समाचारों को लेकर कुछ मीडिया कर्मियों पर आक्षेप लगाए। उन्होंने सीधे तौर पर कुछ एक मीडिया कर्मियों को सोशल मीडिया पर बिकाऊ पत्रकार का तमगा लगा दिया और ऐसे पत्रकारों को सबक सिखाए जाने की भी चेतावनी दी। हालांकि एक संवैधानिक पद पर बैठे विधायक को इस तरह की भाषा कतई शोभा नहीं देती है। लेकिन हैरत इस बात की हुई कि जिन पत्रकारों को लेकर विधायक ने इस तरह की अमर्यादित टिप्पणी की, उसको लेकर उन पत्रकारों की बोलती बंद रही।
औपचारिकता के लिए कमरे में बैठकर विधायक की आलोचना भर करके इस मसले से पिंड छुड़ा लिया। जबकि होना तो यह चाहिए था कि अगर वास्तव में ही पत्रकार अपने पेशे के प्रति ईमानदार होते तो वह विधायक को तलब कर या उनके खिलाफ शिकायत पत्र विधानसभा अध्यक्ष को भेजते। साथ ही उनके तमाम कार्यक्रमों का बहिष्कार भी किया जा सकता था। लेकिन इस तरह की कोई भी कार्यवाही अभी तक सामने नहीं आई।
मगर इस विवाद के साथ ही एक पत्रकार के साथ एक संस्था का विवाद खड़ा हो गया। संस्था के एक पदाधिकारी ने पत्रकारों के एक संगठन के मुखिया कहलाए जाने वाले पत्रकार पर हमला करते हुए सोशल मीडिया में उनके खिलाफ कई गंभीर आरोप लगाए। लगातार कई दिनों से इन दोनों के बीच में आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला चला हुआ है। लेकिन हैरत इस बात की है कि पत्रकार महोदय संस्था के पदाधिकारी द्वारा लगाए गए गंभीर आरोपों पर कहीं भी सफाई देते नहीं दिख रहे हैं। केवल पदाधिकारी के खिलाफ कार्यवाही के लिए पुलिस पर दबाव डालने का प्रयास किया जा रहा है।
भले ही यह विवाद इन दो लोगों के बीच में है। लेकिन इनमें से एक के पत्रकारिता से जुड़े होने के कारण समाज में सभी पत्रकारों के प्रति लगातार गलत संदेश जा रहा है। लोग पत्रकारों को संदेह की दृष्टि से देखने लगे हैं। इस मामले में कौन गलत कौन सही यह तो पत्रकार व संस्था के पदाधिकारी ही बता सकते हैं। लेकिन संस्था के पदाधिकारी द्वारा लगाए गए गंभीर आरोपों पर पत्रकार द्वारा चुप्पी साधने से पूरे पत्रकार बिरादरी संदेह के घेरे में आ रही है।
इसके अलावा भी चुनाव के दौरान कुछ पत्रकारों ने किसी मसले को लेकर जमकर बखेड़ा खड़ा किया। उसमें पत्रकारों के साथ राजनीतिक दल के कुछ लोग भी शामिल रहे। उस घटनाक्रम से भी पत्रकारों की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े हुए। लेकिन बड़ा सवाल यह है कि जिस तरह से कुल्लू जिला में कुछ पत्रकारों पर लगातार उंगलियां उठ रही हैं, वह पत्रकारिता की अस्मिता व विश्वयनीयता पर भी सवाल खड़े कर रही है। लेकिन मठाधीश बने कुछ पत्रकार इन स्थितियों को अनदेखा करते हुए पूरी पत्रकार बिरादरी की विश्वसनीयता को लोगों के समक्ष संदेह के घेरे में खड़ा कर रहे हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *