चौहार घाटी तथा छोटा भंगाल में भीषण गर्मी से सब्जी उत्पादकों की उम्मीदों में फिरा पानी, बारिश न होने से बंद गोभी की पनीरियाँ सूखने की कगार पर 

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सुरभि न्यूज़

खुशी राम ठाकुर, बरोट

इस बार गर्मी ने सभी पिछले रिकोर्ड तोड़ दिया है। जिस कारण छोटा भंगाल तथा चौहर घाटी क्षेत्र में भी धुप की तेज गर्मी सहन नहीं कर पा  रहे है। दोनों क्षेत्र में बढ़ रही धुप की तेज तपिश के कारण कृषि पर भी प्रतिकूल असर पड़ रहा है। गर्मी से निजात पाने के लिए निचले क्षेत्रों से आने वाले पर्यटक भी गर्मी की तेज तपिश के कारण गर्मी से राहत ही नहीं पा रहे हैं। यहाँ पर आने वाले पर्यटक दिन में कम तथा शाम के समय धूप की तपिश कम होने पर घुमने का आनंद लेते हुए दिखाई दे रहे हैं। दोनों क्षेत्रों में गत कई दिनों से अधिकतम 28 से 30 व न्यूनतम 14 से 15 डिग्री सेलिसियस तापमान चल रहा है।

छोटा भंगाल तथा चौहार घाटी के सब्जी उत्पादकों द्वारा हाल ही में खेतों में लगाई गई सब्जियों की पनीरियाँ तथा किसानों की खेतों में खड़ी फसलें सूखने की कगार पर पहुँच गई है। गौरतलव है कि गत कई दिनों से बारिश न होने के कारण दोनों घाटियों के किसान व सब्जी उत्पादक अपनी फसलों को लेकर भारी चिंता में डूब गए हैं। दोनों घाटियों के किसान व सब्जी उत्पादक गत कई वर्षों से विभिन्न प्रकार की नगदी फसलों सहित विभिन्न प्रकार की सब्जियों को उगाते आ रहे हैं।

इस वर्ष किसानों व सब्जी उत्पादकों ने भारी मात्रा में बंद गोभी की दस हज़ार से एक लाख तक की पनीरियों की नर्सरियों में तैयार की हुई है और कुछ दिन पूर्व ही बंद गोभी की पनीरियों को लगाया है मगर बारिश ने होने के कारण सबकी उम्मीदों में पानी फिर गया है। दोनों घाटियों के श्रीपत, कश्मीर सिंह, भागमल, रूप लाल, राजू राम, प्रेम सिंह, रागी राम, नरपत, श्याम पाल, डागी राम तथा अनिल कुमार सब्जी उत्पादकों तथा किसानों का कहना है कि बारिश न होने का कारण खेतों में लगाई गई बंद गोभी की पनीरियों को सूखने से बचाने के लिए प्रतिदिन सुबह-शाम नलों, बावडियों तथा नदी नालों से पानी ला कर पोधों को सींच रहे हैं।  उनका कहना है कि यहां की खेती मात्र अनुकूल मौसम पर ही निर्र्भर करती है। सिंचाई के सही साधन न होने के कारण किसानों व सब्जी उत्पादकों को बारिश पर ही निर्भर रहना पड़ता है।

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