जोगिंद्रनगर की कस पंचायत के लोग एक वर्ष से सरकार व प्रशासन के आश्वासनों के भरोसे जिन्दगी जीने को मजबूर

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सुरभि न्यूज़ 

अभिषेक शर्मा, जोगिंद्र नगर

गत एक वर्ष से सरकार व प्रशासन के आश्वासनों के भरोसे जिन्दगी जीने को मजबूर जोगिंद्र नगर की कस पंचायत के लोग भारी बारिश के शुरू होते ही सहम उठते है। एक वर्ष का लम्बा समय बीत जाने के बाद भी उन्हें राम भरोसे छोडे जाने पर कस पंचायत भी प्रशासन के इस रवैये से परेशान है।

उल्लेखनीय है कि जोगिंद्रनगर हल्के की ग्राम पंचायत कस की पांडो गोल पहाडी में गत वर्ष 16 जुलाई को भारी बारिश की वजह पहाडी में 300 मीटर लम्बी दरार आने से पहाडी का मल्वा खरोन गांव में बसे 12 परिवारों के घरों में घुसने से यह सभी परिवार बेघर हो गये थे। जिन्हें प्रशासन द्वारा अस्थायी टेंटों में बसाया था।

तत्पश्चात जिला प्रशासन, स्थानीय प्रशासन तथा विधायक प्रकाश राणा ने प्रभावित क्षेत्र का दौरा करके पीडितों को राहत पहुंचाने की बात कही थी, लेकिन एक वर्ष का लम्बा समय बीत जाने पर भी कोई राहत पीडित परिवारों को नहीं पहुचाने पर कस पंचायत सरकार के इस उदासीन रवैये से नाराज है।

प्रभावितों गांव वासीयों नंद लाल, काली दास, राजमल, रूप सिंह, हरि सिंह, नंद लाल, काकू राम, चनी लाल, सुनका राम, मदन लाल व कृष्ण चंद ने कहा कि एक वर्ष बीत जाने के बाद भी उनकी सुध नहीं लेने पर उन्हें पुन: बरसात का डर सताने लगा है।

कस पंचायत द्वारा पारित प्रस्ताव में पंचायत प्रधान देवेन्द्र चौहान ने खरोंन गांव के लिये बनाई गयी प्रपोजल को लागू करने का आग्रह सरकार से किया है। पंचायत प्रधान ने कहा कि एक वर्ष बीत जाने के बाद भी प्रभावित लोग टेंट में रहने को मजबूर है। उन्होनेे कहा कि गांव में आई त्रासदी के बाद डीसी मंडी, एसडीएम, पीडब्ल्यूडी विभाग, वन विभाग तथा ब्लाक के अधिकारीयों ने पंचायत के लोगों को साथ लेकर योजना बनाई थी, जिस पहाडी से मल्वा दरक रहा है वहां नीचे एक बडा मैदान बनाया जायेगा ताकि भविष्य में जो मल्वा आता है वह एक स्टोर हो सके।

देवेन्द्र चौहान के कहा कि प्रशासन ने इस योजना पर एक वर्ष बीत जाने के बाद भी कुछ काम नहीं किया। पंचायत द्वारा न जाने कितनी बार पत्र लिखे, लेकिन यह योजना कागजो में धरी की धरी रह गयी। उन्होनें प्रशासन से आग्रह किया कि बरसात आने से पहले इस कार्य को पूरा किया जाये। उन्होनें प्रस्ताव की प्रतियां मुख्यमंत्री सुखविन्द्र सिंह सुक्खू, लोक निर्माण विभाग मंत्री विक्रमादित्य, डीसी मंडी तथा एसडीएम को भी भेजी है।

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