साहित्य : जिला बिलासपुर के प्रसिद्ध स्थल बच्छरेटू में कल्याण कला मंच की संगोष्ठी आयोजिय 

Listen to this article

सुरभि न्यूज़

मिन्हास सुरेन्द्र, चांदपुर

बिलासपुर जिला के प्रसिद्ध स्थल बच्छरेटू में कल्याण कला मंच की संगोष्ठी संपन्न हुई। बच्छरेटू बहुत ही सुन्दर और रमणीय स्थल है। यहां इसी नाम से एक किला कोटधार की पश्चिमी ढलान पर है। कोटधार सतलुज नदी के दांए किनारे पश्चिम से पूर्व तक है जिसकी लम्बाई 32 किलोमीटर है। इस धार पर तीन किले बच्छरेटू, बसेह और कोट है।

बच्छरेटू की करें तो इस नाम से यहां एक गांव है जिसमें एक माध्यमिक पाठशाला है, एक शिवालय है और एक किला है। यहां पर एक बावड़ी है। नजदीक ही डोहकेश्वर धाम है। यहां से नैना देवी मंदिर, भाखड़ा बांध और सतलुज नदी का विहंगम नजारा देखने को मिलता है।

बछरेटू किला अपने आप में ऐतिहासिक व प्राचीन किला है, जिसे 14वीं शताब्दी में बिलासपुर के 23वें राजा रतन चंद के शासनकाल में बनाया गया है। गौर रहे कि बिलासपुर पर राजा रत्न चंद ने सन् 1355 से 1406 तक शासन किया था। यह किला समुद्र तल से 3000 फीट की ऊंचाई पर स्थित है।

इस संगोष्ठी में शिव नाथ, श्याम सुंदर सहगल, पूनम वर्मा, सुषमा खजूरिया,  शिला सिंह, रामपाल डोगरा, कर्मवीर, रवीन्द्र शर्मा, आशा लाल, रवीन्द्र कमल, वीना चौधरी, कुमारी पूजा, अमरनाथ धीमान, तृप्ता कौर मुसाफिर, सुरेन्द्र मिन्हास, लेख राम शर्मा, अनिल शर्मा नील, तिलक राज शर्मा, भजन लाल तथा प्रदीप कुमार ने अपनी अपनी मन मोहक रचनाएं सुनाई।

मुख्यातिथि लेख राम शर्मा कल्याण कला के साहित्य एवं संस्कृति के सरंक्षण और संवर्धन हेतु प्रयासों की प्रशंसा की।मंच ने डा लेख राम शर्मा, समाजसेवी तिलक राज शर्मा, कोसरियां के प्रधान भजन लाल और अनिल शर्मा को सम्मानित किया। मुख्य अतिथि ने पर्यावरण प्रतियोगीता के विजेताओं पूजा देवी, कर्मवीर कंडेरा, डा जय महलवाल, पूनम शर्मा, भीम सिंह नेगी और सुरेन्द्र मिन्हास के प्रमाणपत्र जारी किये। सभी 26 से अधिक साहित्यकारों ने आयोजक बीना चौधरी को सम्मानित किया।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *