साहित्य : कल्याण कला मंच बिलासपुर ने झन्डूत्ता के बछरेटू किले के परिसर घर बासडा में आयोजित की कला कलम संगोष्ठी

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सुरभि न्यूज़

सुरेन्द्र मिन्हास, चान्दपुर

कल्याण कला मंच बिलासपुर की मासिक कला कलम संगोष्ठी गत दिन झन्डूत्ता के बछरेटू किले के परिसर घर बासडा में संपन्न हुई। संगोष्ठी की अध्यक्षता सुरेन्द्र मिन्हास ने की जबकि मुख्य अतिथि डा लेख राम शर्मा ने शिरकत की। वशिष्ठ अतिथियों में स्थानीय समाज सेवी तिलक राज शर्मा और पंचायत प्रधान भजन लाल ने स्थान ग्रहण किया। विशेष आमंत्रित सदस्य अनिल शर्मा नील ने समां बांध दिया।

मंच संचालन करते हुए तृप्ता देवी कौर मुसाफिर ने सबसे पहले डियारा के कर्म वीर कंडेरा ने सावन महीने पर रिमझिम बरसे सावन की फुहारे कोयल कुकें गाये मल्हर पन अपनी रचना सुनाई जबकि रौडा के रामपाल डोगरा ने देखो यरो केहडा जमाना आई ग्या धिआं बौआं री पछ्याण नी पहाड़ी कविता सुनाई। आयोजक बीना चौधरी नें किसी नो नसीब नी हुँदा इक कमरा कोई कमरेआं पर कमरे पाई जान्दा जबकि  डियारा के श्याम सुन्दर ने गीत- तेरीयां मेरियां मेरियां तेरीयां गल्लां लगियां गावां गावां पहाड़ी भाषा को बढ़ावा दिया।

बिजेपुर की सुषमा खजूरिया ने रिँकू ने इक बीज बोया फिर पूछा लगा मेरा पपीता, युवा कवियत्रि पूनम वर्मा ने पानी है कितना अनमोल सब जान लो इसका मोल, डियारा के शिवनाथ सहगल ने तुम बेसहारा हो तो किसी का सहारा बनों , पनोह की शिक्षिका शीला सिंह नें तीन लोक में उत्तम देखा कृष्ण सुदामा का प्यार तरेड के रविन्दर कमल चंदेल ने मन में मेरे इक प्रश्न उठा क्या हार क्या है जीत, भन्ज्वानी की पूजा देवी ने चिट्ठी आई है चिट्ठी आई है बड़े दिनों के बाद, गुलाणी के शिक्षकआशा लाल ने आज का भारत है कितना सुन्दर कितना प्यारा , दनोह के सेवा निवृत्त अध्यापक रविंद्र शर्मा ने अडेओ मयो तुसां बछरेटू रे मेल्ले जो जाई लेणा, निचली भटेड के हस्ताक्षर अनिल शर्मा नील ने जेठ महीन्ने री गरमी लपालप तेज है दराट, मन्च के संयोजक अमर नाथ धीमान ने चलदी गड्डी चलदे जाणा जियुन्दे जियुवे अपणे ई जाह्णा, नगर के श्याम न मैं होश में था तो उस पे मर गया कैसे, झन्डूत्ता की कोसरियां के तिलक राज शर्मा ने सदा सदा तुम्हारा स्वागत अभिनंदन करते हैं, कोसरियां पंचायत प्रधान भजन लाल नें गुलाम भारत और आज के भारत का सुन्दर चित्रण किया तथा कार्यक्रम के अध्यक्ष सुरेन्द्र मिन्हास ने- जे मिन्जो बी हुँदे फंग ता खड्ड़ां टिब्बेआं जान्दा जान्दा लन्घ सबने अपनी अपनी रचनाएँ प्रस्तुत की।

इसके बाद स्थानीय महिलाओं व बच्चों ने अपने विशेष कार्यक्रम में भजन, गीत, नृत्य और अन्य प्रस्तुतियां दे कर मन मोह लिया। अन्त में मुख्य अतिथि डा लेख राम शर्मा ने जहां कल्याण कला मंच बिलासपुर की जिला की कला संसकृति के संरक्षणपर किये जा रहे कार्यो की प्रशंषा की और अपनी रचना दाद्दे ता तू देयां रुढाई पर किरडू तू लयां बचाई ” सुनाकर आयोजन का समापन किया।

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