जटिल गाईनेकोलॉजी कैंसर से पीड़ित महिलाओं के लिए इनोवेटिव डेकेयर रोबोट-एडेड सर्जरी लेकर आई नई आशा – डा. स्वपना मिसरा

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सुरभि न्यूज़ ब्युरो

कुल्लू, 18 जुलाई

माहवारी के दौरान दर्द महिलाओं की दिनचर्या को बहुत ही ज्यादा प्रभावित करता है तथा यदि मासिक धर्म के दौरान बढ़ते दर्द को महिलाएं हल्के में न लें तो वह माहवारी से संबंधित होने वाली गंभीर बीमारियों से बच सकती हैं।

कुल्लू में डा. स्वपना मिश्रा ने जानकारी देते हुए बताया कि अक्सर महिलाएं अपने शरीर से संबंधित कई ऐसे लक्ष्णों-रोगों को छुपाती है या फिर उसे बताने से हिचकिचाती हैं, जिस कारण वह गंभीर बीमारी का रूप धारण कर जाती है।

फोर्टिस अस्पताल मोहाली में प्रसुति एवं स्त्री रोग विभाग की निदेशक डा. स्वपना मिसरा ने बताया कि महिलाएं मासिक धर्म रक्तस्राव के दौरान कई गंभीर समस्याओं को जाने-अनजाने में अनदेखा करती हैं। उन्होंने बताया कि ऐसे ही माहवारी दर्द को अनदेखा करने के कारण कई महिलाएं गंभीर बीमारी की चपेट में आ जाती हैं।

उन्होंने बताया कि हाल ही में ओवेरियन सिस्ट (ट्यूमर) (18X10 सेमी) से पीड़ित एक 9 वर्षीय लड़की का अभूतपूर्व डेकेयर गायनोकोलॉजी रोबोट-एडेड सर्जरी के माध्यम से सफलतापूर्वक इलाज से उसके अंडाशय को बचा लिया गया है। उन्होंने बताया कि उक्त 9 साल की बच्ची को पेट में बहुत तेज दर्द के चलते उसके परिवार ने कई डॉक्टरों से सलाह ली, जिन्होंने उन्हें ओपन सर्जरी के साथ-साथ अंडाशय निकालने की भी सलाह दी गई थी। असहनीय दर्द के चलते बच्ची का रोबोट सर्जरी से ओवरियन सिस्ट को निकालकर उसके अंडाशय को बचा लिया गया। सर्जरी के उसी दिन लड़की को हस्पताल से छुट्टी दे दी गई। अब वह पूरी तरह से स्वस्थ है।

डा. स्वपना मिसरा ने बताया कि फाइब्रॉएड से पीड़ित एक 35 वर्षीय महिला लंबे समय से पेल्विक दर्द, भारी मासिक धर्म रक्तस्राव और पेशाब के दौरान दर्द का अनुभव हो रहा था। उनके अल्ट्रासाउंड में उनके गर्भाशय में विभिन्न आकार के सात फाइब्रॉएड दिखाई दिए। मरीज को दूसरे अस्पताल में फाइब्रॉएड हटाने के लिए ओपन सर्जरी की सलाह दी गई थी, जिससे रक्तस्राव की जटिलताओं के कारण उनका गर्भाशय भी ढीला हो जाता। उन्होंने बताया कि फोर्टिस अस्पताल मोहाली में डेकेयर गायनोकोलॉजी रोबोटिक सर्जरी के माध्यम से सफलतापूर्वक इलाज किया गया। बाद में उसे डेकेयर गायनी रोबोटिक सर्जरी से गुजरना पड़ा जिसमें उसके सभी फाइब्रॉएड हटा दिए गए और रक्त की आवश्यकता नहीं पड़ी। सर्जरी के 12 घंटे बाद मरीज पैदल चलकर घर गई। एक दिन के बाद उन्होंने अपनी सामान्य दिनचर्या फिर से शुरू कर दी।

एक अन्य मामले में, एक 60 वर्षीय महिला को एंडोमेट्रियम के कैंसर का पता चला था। उन्हें गर्भाशय कैंसर के लिए विभिन्न सुविधाओं में ओपन सर्जरी की सलाह दी गई थी। हालांकि, मरीज फोर्टिस मोहाली में डॉ. मिसरा से मिली, जिन्होंने उसका ऑपरेशन किया और रोबोट-सहायक सर्जरी के माध्यम से गर्भाशय, ट्यूब, अंडाशय और लिम्फ नोड्स को हटा दिया। सर्जरी के बाद मरीज स्थिर थी और ऑपरेशन के 10 घंटे बाद घर वापस चली गई।

800 से अधिक रोबोटिक सर्जरी करने वाली डॉ. मिसरा ने कहा, “डेकेयर रोबोट-एडेड सर्जरी सुरक्षित है और मरीज को उसी दिन घर वापस जाने की अनुमति देती है। इसमें खून चढ़ाना, एंटीबायोटिक का उपयोग और अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत नहीं पड़ती। डे केयर गाइनी रोबोटिक सर्जरी से न सिर्फ मरीज को होने वाले आघात में कमी आती है, बल्कि अस्पताल में रहने का खर्च भी कम होता है।

रोबोटिक सर्जरी के लाभों पर डॉ. मिसरा ने कहा, “रोबोटिक सर्जरी मिनिमल इनवेसिव सर्जरी का नवीनतम रूप है, जो रोगी के शरीर में डाले गए एक विशेष कैमरे के माध्यम से ऑपरेटिव एरिया का 3डी विजन प्रदान करता है। शरीर के जिन हिस्सों तक मानव हाथ से पहुंचना मुश्किल है, उन तक रोबोट-सहायक उपकरण के माध्यम से पहुंचा जा सकता है जो 360 डिग्री घूम सकते हैं।

डॉ. मिसरा ने आगे कहा, रोबोटिक सर्जरी को लगभग सभी स्त्री रोग संबंधी सर्जरी फाइब्रॉएड, एंडोमेट्रियोसिस, वेसिको-वेजाइनल फिस्टुला, ओवेरियन सिस्ट, सैल्पिंगो-ओफोरेक्टॉमी, मायोमेक्टॉमी, हिस्टेरेक्टॉमी और गर्भाशय, ओवरी और यूट्रस के सभी कैंसर के लिए गोल्ड स्टैण्डर्ड प्रोसिजर के रूप में स्थापित किया गया है। रोबोटिक सहायक सर्जरी ने विभिन्न स्त्री रोग संबंधी रोगों के उपचार में क्रांति ला दी है।

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