सुरभि न्यूज़
केलांग, 22 अगस्त (बौद्ध)
जिला लाहौल के यांगला गांव के वाशिंदे पानी की बूंद को तरस रहे हैं। खेतों में सिंचाई का एकमात्र स्रोत गलेशियर आने से भ्रेण्ड नाले में पाइपें ध्वस्त हो चुकी है। मंगलवार से ही स्थानीय किसान व मजदूर गलेशियर काटने में लगे हुए है।
जल शक्ति विभाग ने मजदूर तो भेज दिए मगर वोह काम अधूरा छोड़ कर भाग खड़े हुए, जिस कारण गांवों बालों की परेशानी और बढ गई है। इलाके में सब्जियों का भरपूर सीजन चला है और खेतों में सिंचाई व्यवस्था बिलकुल ठप्प पड़ी है।
स्थानीय लोगों ने बताया कि लगभग आठ सौ मीटर पाइप गलेशियर में दव गई है। आज तीसरे दिन भी गांव के लोगों को कोई सफलता नही मिली है।
स्थानीय किसानों के मुताबिक लगभग चार जगह पानी के आस में बर्फ काटी गई लेकिन अभी तक पानी का स्रोत नही मिल पा रहा है। क्योंकि ग्लेशियर 30 से 40 फीट से भी ज्यादा ऊंचा है।
स्थानीय निवासी प्रदीप मालपा, प्रेम लाल, इंद्र पाल और देवी चंद ने बताया कि उन्होंने स्थानीय विधायक अनुराधा राणा व जल शक्ति विभाग को भी इस बारे अवगत करवा दिया था।
सहायक अभियन्ता जल शक्ति विभाग संजू बौद्ध ने बताया कि इस की सूचना हमें मिल चुकी है और विभाग गांवों वालों के लिए मजदूर और पाइपें मुहैया करवा रही है। शुक्रवार को यदि पानी का स्रोत मिल गया तो जल्द ही पानी की समस्या दूर हो जाएगी। उन्होनें बताया कि गैलेशियर काफी अधिक है स्त्रोत ढूंढने में थोडा समय लग सकता है। लोग थोडा संयम रखें जल्द से जल्द इसे बहाल कर दिया जाएगा।