एनएचपीसी को नवरत्न का दर्जा मिलना केवल एक सम्मान ही नहीं है, बल्कि एनएचपीसी परिवार के प्रत्येक सदस्य की प्रतिबद्धता का प्रमाण भी है–आर.के. चौधरी

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 सुरभि न्यूज़ ब्यूरो 

फरीदाबाद, 06 सितम्बर 

अध्यक्ष व प्रबंध निदेशक एनएचपीसी आर.के. चौधरी ने आज फरीदाबाद स्थित निगम मुख्यालय में आयोजित एक भव्य समारोह में एनएचपीसी को प्रतिष्ठित नवरत्न का दर्जा प्राप्त करने के उपलक्ष्य में एनएचपीसी के कार्मिकों को संबोधित किया। दिनांक 30 अगस्त, 2024 को भारत सरकार द्वारा एनएचपीसी को नवरत्न का दर्जा प्रदान किया गया है। कंपनी की लगभग पांच दशकों की शानदार यात्रा में यह एक विशिष्ट उपलब्धि है। आर.पी. गोयल, निदेशक (वित्त), उत्तमलाल, निदेशक (कार्मिक) तथा संतोष कुमार, मुख्यसतर्कता अधिकारी ने ऑनलाइन माध्यम से इस कार्यक्रम में भाग लिया।इस अवसर पर संजय कुमार सिंह निदेशक परियोजनाएं एनएचपीसी तथा एनएचपीसी के अन्य वरिष्ठ अधिकारी और कर्मचारी उपस्थित रहे।

अध्यक्ष व प्रबंध निदेशक,एनएचपीसी आर.के. चौधरी, ने अपने संबोधन में एनएचपीसी के सभी कार्मिकों को इस उपलब्धि के लिए बधाई देते हुए कहा कि एनएचपीसी को नवरत्न का दर्जा प्राप्त होना बहुत गौरव की बात है। उन्होंने एनएचपीसी के पूर्व और वर्तमान सभी कर्मियों की लगन और कड़ी मेहनत की प्रशंसा की और कहा कि “नवरत्न का दर्जा प्राप्त होना केवल एक सम्मान ही नहीं है, बल्कि यह एनएचपीसी परिवार के प्रत्येक सदस्य की प्रतिबद्धता का प्रमाण भी है”।

अध्यक्ष व प्रबंध निदेशक, एनएचपीसी ने लोक उद्यम विभाग और विद्युत मंत्रालय से प्रदान किए गए सहयोग के लिए आभार व्यक्त किया। अपने संबोधन में उन्होंने आगे बताया कि नवरत्न कासम्मान एनएचपीसी के उत्कृष्ट प्रचालन, वित्तीय प्रदर्शन और एक जलविद्युत कंपनी से नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में अग्रणी बनने के निरंतर विकास को दर्शाता है।

अध्यक्ष व प्रबंध निदेशक,एनएचपीसी आर.के. चौधरी ने एनएचपीसी की ऐतिहासिक उपलब्धियों का उल्लेख किया, जिसमें धौलीगंगा में भारत का पहला कंक्रीट फेस रॉकफिल डैम, पार्बती -II में विश्व की सबसे लंबी इनक्लाइंड प्रेशर शाफ्ट और इंदिरा सागर में सबसे बड़ा जलाशय शामिल है। उन्होंने नवाचार और प्रचालन उत्कृष्टता के प्रति एनएचपीसी की प्रतिबद्धता पर जोर दिया, जोकि समय से पहले परियोजनाओं को पूरा करने और उन्नत निर्माण तकनीकों में प्रदर्शित हुआ है। अध्यक्ष व प्रबंध निदेशक,एनएचपीसी ने प्रमुख जलविद्युत परियोजनाओं नामत: 2000 मेगावाट सुबनसिरी लोअर और 800 मेगावाट पार्बती -II परियोजनाओं का कार्य पूरा करने सहित एनएचपीसी की महत्वाकांक्षी योजनाओं को रेखांकित किया और राष्ट्रीय नवीकरणीय ऊर्जा लक्ष्यों के अनुरूप पंप स्टोरेज, सौर ऊर्जा और हरित हाइड्रोजन पहलों में एनएचपीसी द्वारा की जा रही पहलों का उल्लेख किया।

आर.के. चौधरी ने सभी कार्मिकों से नवरत्न दर्जे की जिम्मेदारियों को अपनाने का आग्रह करते हुए निरंतर सुधार, कौशल विकास और एनएचपीसी के प्रति पूर्ण प्रतिबद्धता की आवश्यकता पर बल दिया। इस कार्यक्रम को एनएचपीसी के सभी क्षेत्रीय कार्यालयों, पावर स्टेशनों, परियोजनाओं और यूनिटों में लाइव वेबकास्टिंग के माध्यम से देखा गया।

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