Featured Video Play Icon

विलुप्त हो रही लोक संस्कृति तथा पारम्पारिक गीतों के सरंक्षण में संघर्षरत लोक गायक मेदू सकलानी

Listen to this article

सुरभि न्यूज़ 

ख़ुशी राम ठाकुर, बरोट 

आजकल के लोकगायक पारम्पारिक गीतों को भुला कर नए गीतों को तब्बजो दे रहे है मगर तेज़ी से उभर रहे पहाड़ी गीतकार व लोकगायक मेदू सकलानी विलुप्त हो रहे पांरपरिक पहाड़ी गीतों को अपनी आवाज देकर संगीत प्रेमियों तक पहुंचा रहे हैं।

चौहार घाटी की धमच्याण पंचायत के गाँव ग्रामण के नानक चंद के घर जन्में मेदू सकलानी एक गरीब परिवार से संबंध रखते हैं। बरोट में मिडिया को मेदू सकलानी ने बताया कि वे कई पहाड़ी हिट गीत लिख कर दर्ज़नों पारम्पारिक गीतों को अपनी आवाज देकर अपने यूट्यूब चैनल में डालकर दर्शकों व श्रोतायों तक पहुंचा रहे है।

मेदू सकलानी चौहार घाटी के विलुप्त हो रहे पारम्पारिक पहाड़ी गीतों को अपनी सुरीली आवाज़ दे कर अपने यूट्यूब चैनल में डाले हैं जिन्हें संजोने के लिए स्थानीय निवासी तथा संगीत प्रेमी खूब प्रशंसा कर रहे है।

उन्होंने बताया कि लोहड़ी पर्व के तीसरे दिन घाटी में गाए जाने वाला हे हामलोरा पारम्पारिक गीत यूट्यूब चैनल पर रिलीज किया है। जिसे दर्शकों ने बेहद पसंद किया है। मेदू सकलानी द्वारा गाए गीत विवाह तथा अन्य समारोहों में डीजे पर बजते हैं तो बुजुर्गो सहित युवा पीढ़ी झूमने पर मजबूर हो जाते है। मेदू सकलानी का कहना है कि वे अपनी पारंपरिक संस्कृति को बचाने में हमेशा आगे रहेगे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *