मुख्यमंत्री ने विदेशी निवेशकों को प्रदेश में निवेश के लिए आमंत्रित किया, निवेश के अवसरों का किया जा रहा विस्तार – मुख्यमंत्री

Listen to this article

सुरभि न्यूज़ ब्यूरो

कुल्लू, 18 अक्तूबर

अंतरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरा उत्सव-2024 के अवसर पर मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने आज जिला कुल्लू के मौहल में आयोजित एम्बेसडर्ज मीट की अध्यक्षता करते हुए विदेशी निवेशकों को प्रदेश में निवेश के लिए आमंत्रित किया।

बैठक में उज्बेकिस्तान, तजाकिस्तान, कजाकिस्तान, ब्रुनेई के राजदूतों और रूस तथा गुयाना के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने पर्यटन, हरित ऊर्जा, डाटा स्टोरेज, खाद्य प्रसंस्करण और अन्य सत्त ऊर्जा क्षेत्रों में निवेश को प्रोत्साहित किया।

मुख्यमंत्री ने छह राष्ट्रों के राजदूतों और प्रतिनिधियों का स्वागत करते हुए कहा कि हिमाचल प्रदेश के भविष्योन्मुखी दृष्टिकोण और योजनाओं को आपके साथ साझा करना खुशी की बात है। प्रदेश सरकार ने वर्ष 2027 तक हिमाचल को आत्मनिर्भर राज्य और वर्ष 2032 तक देश के सबसे समृद्ध राज्यों में शामिल करने का लक्ष्य रखा है।

प्रदेश सरकार 31 मार्च, 2026 तक हिमाचल प्रदेश को हरित ऊर्जा राज्य में स्थापित करने की दिशा में मिशन मोड़ पर काम कर रही है। इन सभी लक्ष्यों को हासिल करने के लिए परिवर्तनकारी निर्णय लेने की आवश्यकता है, जिसके दृष्टिगत प्रदेश सरकार ने अनेक महत्त्वाकांक्षी कदम उठाए हैं।

इस अवसर पर पर्यटन क्षेत्र की संभावनाओं को प्रदर्शित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्यटन हमारी अर्थव्यवस्था का मुख्य अंग है। प्रदेश सरकार इस क्षेत्र को बहुआयामी तरीके से विस्तार प्रदान कर रही है। सरकार प्रदेश में साहसिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए क्रूज जहाजों, शिकारा, मोटर-बोट, जेट स्कीइंग और अन्य जल आधारित गतिविधियों के लिए झीलों और जल निकायों का विकास कर रही है।

हिमाचल रिवर राफ्टिंग के लिए विश्व प्रसिद्ध है और प्रदेश ने जिला कांगड़ा के बीड़-बिलिंग में ‘पैराग्लाइडिंग विश्व कप’ की सफलतापूर्वक मेजबानी की है। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश अपनी अद्वितीय प्राकृतिक सुंदरता, समृद्ध संस्कृति और प्राचीन रीति-रिवाजों के साथ-साथ पर्यटन व सांस्कृतिक गतिविधियों के फलस्वरूप एक विश्व स्तरीय गंतव्य बनकर उभर रहा है।

पर्यटन के विश्व मानचित्र पर जिला कुल्लू की अलग पहचान को रेखांकित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि देशी-विदेशी पर्यटकों को कुल्लू की अद्भुत सुंदरता आकर्षित करती है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार न केवल कुल्लू जिला बल्कि सम्पूर्ण राज्य में समग्र रूप से पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्धता से कार्य कर रही है।

इस दिशा में जिला कांगड़ा को राज्य की ‘पर्यटन राजधानी’ घोषित किया है। उन्होंने कहा कि क्षेत्र में पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए बनखंडी में 619 करोड़ रुपये के जूलॉजिकल पार्क सहित अन्य आवश्यक अधोसंरचना विकसित की जा रही है। इसके अतिरिक्त, बेहतर हवाई सम्पर्क सुविधा के लिए कांगड़ा हवाई अड्डे का विस्तारीकरण किया जा रहा है और प्रत्येक जिला में हेलीपोर्ट के निर्माण कार्य प्रगति पर है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचलवासी ‘अतिथि देवो भव’ भावना में विश्वास करते हैं। प्रदेश के लोगों के लिए अतिथि देवतुल्य हैं। उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरा उत्सव वैश्विक आयोजन के रूप में विकसित हुआ है। यह आयोजन भक्ति भावना के साथ सांस्कृतिक आदान-प्रदान का माध्यम है। इस वर्ष इंडोनेशिया, उज्बेकिस्तान, म्यांमार, रूस, संयुक्त राज्य अमेरिका और किर्गिस्तान के सांस्कृतिक दलों के साथ-साथ थाईलैंड और उज्बेकिस्तान के कलाकार दशहरा उत्सव में अपनी कला का प्रदर्शन कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह देव समागम कुल्लू घाटी के 332 स्थानीय देवी-देवताओं को एक साथ लाता है। उत्सव में आध्यात्मिक अनुभूति का अनुभव होता है।

 

मुख्य संसदीय सचिव सुन्दर सिंह ठाकुर ने गणमान्यों का स्वागत करते हुए कहा कि वैश्विक गांव के परिदृश्य में सम्पूर्ण विश्व एक दूसरे के साथ जुड़ा हुआ है। इस प्रकार के आयोजन सांस्कृतिक आदान-प्रदान का माध्यम हैं, जिससे अंतरराष्ट्रीय संबंधों को बढ़ावा देने में मदद मिलती है। कला, संगीत, व्यंजन और परंपराओं को साझा करते हुए सांस्कृतिक रूप से हम एक-दूसरे की संस्कृति को समझते हैं और सामूहिक विरासत की विविधता का जश्न भी मनाते हैं। कुल्लू दशहरा धार्मिक महत्व के साथ-साथ क्षेत्र में उत्साह उमंग और सांस्कृतिक गौरव की भावना प्रतिष्ठित करता है। इस आयोजन से पर्यटन क्षेत्र को विस्तार मिलता है, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को संबल मिलता है, साथ ही वैश्विक स्तर पर सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा मिलता है।

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू के दूरदर्शी नेतृत्व में हिमाचल प्रदेश में सकारात्मक परिवर्तन दृष्टिगोचर हो रहे हैं। राज्य अब व्यवस्था परिवर्तन के दौर से गुजर रहा है। प्रदेश सत्त अधोसंरचना, स्थानीय समुदायों के सशक्तिकरण और प्रत्येक प्रदेशवासी के जीवन में सुधार की दिशा में आगे बढ़ रहा है।

निदेशक पर्यटन विवेक भाटिया ने राज्य के पर्यटन क्षेत्र की बुनियादी अधोसंरचना के सुदृढ़ीकरण की दिशा में हुई प्रगति के बारे में विस्तृत प्रस्तुति दी। उन्होंने पर्यटन क्षेत्र को प्रोत्साहन प्रदान करने वाली नवाचार पहलों से भी अवगत करवाया गया।

उज्बेकिस्तान के राजदूत सरदार रुस्तमबाकू, तजाकिस्तान के राजदूत लुकोम बोबोकालोनजोडा, कजाकिस्तान के राजदूत नूरलम झालगासबेयेव, ब्रुनेई के राजदूत दातो अलैहुद्दीन मोहम्मद ताहा, गुयाना के सेकेंड सेक्रेटरी हनानी बेन लेवी, विधायक भुवनेश्वर गौड़, अनुराधा राणा, सुरेंद्र शौरी और लोकेंद्र कुमार, निदेशक शहरी विकास नीरज कुमार, कुल्लू की उपायुक्त तोरुल एस रवीश भी इस अवसर पर उपस्थित रहे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *