सुरभि न्यूज़
परस राम भारती, गुशैनी (बंजार)
हिमाचल प्रदेश जिला कुल्लु के बंजार क्षेत्र की तीर्थन घाटी और सैंज घाटी में स्थित ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क को वर्ष 2014 में यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर का दर्जा दिया गया। यह नेशनल पार्क भारत के बहुत ही खूबसूरत नेशनल पार्कों में से एक है। इसका क्षेत्रफल करीब 765 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है। यहां पर अद्वितीय प्राकृतिक सौन्दर्य और जैविक विविधिता का अनुपम खजाना भरा पड़ा है।
ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क का महत्व यहां पाई जाने वाली दुर्लभतम जैविक विविधता से ही है। वन्य जीव हो या परिन्दा जिसमें कस्तूरीमृग, चिता, भालू, घोरल, ककड़, ब्ल्यूशिप जैसे जंगली जानवर और जेजू राणा व मोनाल सरीखे कई परिन्दे यहां मौजूद है। इस पार्क की विशेषता यह भी है कि यहां पर वन्य जीवों व परिन्दों की कुछ प्रजातियां आज भी मौजूद है जो समूचे विश्व में दुर्लभ है या विलुप्त होने के कगार पर है। इस पार्क के संरक्षित क्षेत्र में पाए जाने वाले कुछ दुर्लभ वन्य जीवों और परिंदो की हर साल समय समय पर गणना की जाती है।
ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क शमशी के वन मण्डल अधिकारी सचिन शर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि हर साल की भांति इस बार समूचे पार्क क्षेत्र के अन्दर 5 नवम्बर से 9 नवम्बर तक कस्तूरी मृग, ब्ल्यूशिप और भूरे भालू की गणना की जा रही है जिसके लिए पार्क प्रबन्धन द्वारा 11 टीमों को अलग अलग स्थानों में भेजा गया है। इन्होंने बताया कि यह टीमें पार्क की तीनों रेंजों सैंज, जीवनाला और तीर्थन रेंज संरक्षित क्षेत्र के संभावित ठिकानों पर चार से पांच दिनों तक उपरोक्त वन्य जीवों की अनुमानित गणना करके इनकी मौजूदगी के आंकड़े एकत्रित करेंगे। इस बार सैंज रेंज की हर टीम के साथ सैंज कॉलेज इको क्लब के कुछ विद्यार्थी भी शामिल हुए है।
इन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि पार्क क्षेत्र के अन्दर विभिन्न स्थानों पर 2500 मीटर से 3500 मीटर ऊंचाई तक जाकर यह टीमें कई विधियों द्वारा दुर्लभ जीवों की मौजूदगी के आंकड़े एकत्रित करेंगे।इन्होंने बताया हर टीम से रिपोर्ट आने के बाद इसका डेटाबेस तैयार किया जाएगा। ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क क्षेत्र के अंदर वर्तमान में दुर्लभतम जीवों की संख्या घटी या बढ़ी उनकी मौजूदगी का रहस्य गणना रिर्पोट आने के बाद ही सामने आएगा।
तीर्थन रेंज शाई रोपा के वन परिक्षेत्र अधिकारी परमानन्द ने बताया कि यहां की रोला बीट में स्थित घूमतड़ाओ और रखुंडी के लिए वन राजिक कविंदर और नाडा, मझौनी व तीर्थ स्थल के लिए वन राजिक प्रीतम सिंह के नेतृत्व में आज प्रातः ही टीमें रवाना हो चुकी है।