भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) का दो दिवसीय 18वां जिला सम्मेलन बालीचौकी के पंजाई में हुआ सम्पन्न

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सुरभि न्यूसब्यूरो

बालीचौकी, 15 नवम्बर

भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) का 2 दिवसीय 18वां जिला सम्मेलन बालीचौकी के पंजाई में सम्पन्न हुआ। सम्मेलन में पूरे जिला से चुने हुए 82 प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। वयोवृद्ध नेता बालाराम द्वारा पार्टी का झण्डा फहराया गया तथा सभी प्रतिनिधियों ने शहीदवेदी पर पुष्पांजलि अर्पित की। सम्मेलन की शुरुआत में पिछले तीन साल में बिछड़े पार्टी नेताओं, कार्यकर्ताओं, हमदर्दों, समर्थकों, पार्टी सदस्यों के परिवार के जो सदस्य, जनवादी आंदोन से जुड़े लोगों, प्राकृतिक आपदाओं, दुर्घटनाओं व आंतकी हमलों में मारे गए लोगों तथा समाज में प्रमुख योगदान देने वाले लोगों की मृत्यु पर दो मिनट का मौन रखते हुए शोक प्रकट किया गया।

सम्मेलन का उदघाटन भाषण राज्य सचिव डॉक्टर ओंकार शाद ने तथा समापन भाषण राज्य सचिवालय सदस्य प्रेम गौतम ने किया। इस अवसर पर जिला सचिव कुशाल भारद्वाज द्वारा जिला की राजनीतिक सांगठनिक रिपोर्ट सम्मेलन में प्रस्तुत की जिस पर सभी प्रतिनिधियों ने चर्चा करते हुए कुछ सुझाव भी प्रस्तुत किए और रिपोर्ट को सर्वसम्मति से पारित किया। सम्मेलन में राजनीतिक सांगठनिक रिपोर्ट के अलावा सम्मेलन में सांप्रदायिकता के खिलाफ, महिला हिंसा के खिलाफ, श्रम क़ानूनों में मजदूर विरोधी बदलावों के खिलाफ, चिट्टा के खिलाफ एवं युवाओं में बढ़ते नशे को रोकने बारे, बिजली बोर्ड के निजीकरण एवं स्मार्ट मीटरिंग योजना के खिलाफ, जिला में प्राकृतिक आपदा से हुए नुकसान के मुआवजे तथा पुनर्निर्माण व पुनर्स्थापना बारे, मनरेगा और निर्माण मजदूर संबंधी समस्याओं बारे, भूमि अधिग्रहण, 2013 कानून को लागू करवाने एवं टीसीपी योजना को निरस्त करने के लिए, सरकारी स्कूलों को बंद करने के विरोध में तथा सभी रिक्त पदों को भरने बारे, ठेका, आउटसोर्स, कैजुअल व अन्य कच्चे किस्म के कर्मियों को नियमित करने बारे, पशुपालन एवं दुग्ध उत्पादकों के मुद्दों पर तथा शहरी क्षेत्र की समस्याओं और संगठन निर्माण बारे 12 प्रमुख प्रस्ताव भी पारित किए गए।

सम्मेलन का उदघाटन करते हुए डॉ. ओंकार शाद ने कहा कि देश में लगातार तीसरी बार नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एनडीए सरकार सत्ता में आई है। पिछली दो सरकारों में जहां भाजपा को अपने बलबूते लोकसभा में बहुमत हासिल था, वहीं इस बार भाजपा की सीटें कम हुई हैं तथा उसे अपने बलबूते पर बहुमत नहीं मिला है। लेकिन फिर भी ये सरकार पूँजीपतियों और बहुराष्ट्रीय कंपनियों को फायदा पहुंचाने व आम जनता की सुविधाएं छीनने और जनता की जेब से उगाही करने की नीति को आगे बढ़ा रही है तथा सांप्रदायिकता को बढ़ावा दे रही है, ताकि महंगाई, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार, संसाधनों की लूट, जनवादी अधिकारों पर हमलों, दलितों, महिलाओं व आदिवासियों पर बढ़ते हमलों और सरकार की तानाशाही से जनता का ध्यान हटाया जा सके। उन्होंने कहा कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार भी पिछली भाजपा सरकार के पदचिन्हों पर चल रही है तथा नवउदारवादी एजेंडे को लागू करते हुए जनविरोधी नीतियाँ थोंप रही है। हजारों रिक्त पदों को भरा नहीं जा रहा है और शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, बिजली, पानी, व सार्वजनिक परिवहन जैसी सेवाएँ पूरी तरह से चरमरा गई हैं। प्रदेश में हुए विधान सभा चुनावों में जनता ने भाजपा को नकारते हुए काँग्रेस को सत्ता में लाया था, लेकिन जिन वायदों के साथ काँग्रेस सत्ता में आई है उनको अभी तक पूर्ण रूप से लागू नहीं कर पाई है। कॉंग्रेस ने विधान सभा चुनावों के दौरान 10 गारंटियाँ लागू करने का वादा किया था, लेकिन अब काँग्रेस सरकार इन गारंटियों को लागू करने में गंभीर नहीं है।

इस अवसर पर राज्य सचिवालय सदस्य प्रेम गौतम ने कहा कि प्रदेश में बड़े पैमाने पर किसानों की भूमि का अधिग्रहण हो रहा है। लेकिन भूमि अधिग्रहण, 2013 कानून (पुनर्स्थापना, पुनर्वास व चार गुना मुआवजा) को न तो पिछली भाजपा सरकार ने लागू किया और न ही वर्तमान सरकार लागू कर रही है। उन्होंने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार पूरे देश में बिजली के निजीकरण करने पर तुली है। केंद्र सरकार की प्री-पेड स्मार्ट मीटर योजना असल में बिजली बोर्ड के निजीकरण की प्रक्रिया का ही हिस्सा है। प्रदेश की कांग्रेस सरकार स्मार्ट मीटर योजना को लागू कर प्रदेश के लाखों उपभोक्ताओं पर कुठाराघात कर रही है।
जिला सम्मेलन मे पारित प्रस्तावों को लागू करवाने के लिए तथा जनता की विभिन्न मांगों पर अभियान और संघर्ष चलाने का फैसला किया। पार्टी संगठन को पूरे जिला में मजबूत किया जाएगा और जनता के सामने नीतिगत विकल्प प्रचारित किया जाएगा। पार्टी की स्वतंत्र ताकत बढ़ाने के लिए स्थानीय मुद्दों को निरंतरता में उठाकर व संघर्ष विकसित किए जाएँगे। पार्टी सदस्यों की जानीतिक व वैचारिक चेतना बढ़ाने के लिए विशेष प्रयास किए जाएँगे ताकि वे जनता के सामने आर्थिक उदारीकरण का विकल्प प्रस्तुत कर सकें और सांप्रदायिकता का भी मुक़ाबला कर सकें।

सम्मेलन में नई जिला कमेटी का भी चुनाव हुआ, जिसमें सर्वसम्मति से 17 सदस्यीय जिला कमेटी चुनी गई तथा 2 सदस्यों को जिला कमेटी में आमंत्रित सदस्य भी चुना गया। कुशाल भारद्वाज को पुनः तीसरी बार जिला सचिव चुना गया। कुल 7 सदस्यों का सचिवालय चुना गया जिसमें कुशाल भारद्वाज, भूपेन्द्र सिंह, महेंद्र राणा, राजेश शर्मा, सुरेश सरवाल, जोगिंदर वालिया व वीना वैद्य को सचिवालय सदस्य चुना गया। सचिवालय सदस्यों के अलावा जिला कमेटी में भीम सिंह, सुनीता बिष्ट, रविंदर कुमार, बिहारी लाल, इन्द्र सिंह, जगमेल ठाकुर, गुरदास वर्मा, संजय जमवाल, गोपेंद्र, ऋत्विक को कमेटी सदस्य चुना गया, जबकि रविकान्त, व सुदर्शना को आमंत्रित सदस्य चुना गया।

28,29 30 नवंबर को शिमला में होने वाले 18वें राज्य सम्मेलन के लिए 31 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल भी चुना गया। इसके अलावा 9 वैकल्पिक प्रतिनिधि भी चुने गए।

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