सुरभि न्यूज़ ब्युरो
सिस्सू (लाहुल-स्पीति), 18 नवम्बर
पर्यावरणीय स्थिरता व संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए हिमाचल प्रदेश के जनजातीय जिला लाहुल स्पीति की पंचायत पर्यटन विकास समिति (PTDC) सिस्सू ने एक नई पहल की है। जिसके तहत सिंगल-यूज प्लास्टिक को समाप्त करने की सराहनीय पहल की है। जिसकी शुरुआत डिस्पोजेबल प्लेट्स से की गई है।
POPGT परियोजना – पीपल ओन्ड एंड पीपल गवर्नड टूरिज्म (जनता द्वारा स्वामित्व और जनता द्वारा संचालित पर्यटन) के अंतर्गत पीपल फॉर हिमालयन डेवलपमेंट और रॉयल एनफील्ड द्वारा समर्थित पीटीडीसी ने पत्तल प्लेट्स को अपनाया है।
जो हिमाचली धाम (सामुदायिक भोज) में इस्तेमाल की जाने वाली पारंपरिक पत्तल प्लेट्स हैं। यह प्लेट्स बाहुनिया वल्लरी (स्थानीय भाषा में टौर के पत्ते) के पत्तों से बनाई जाती हैं, जो हिमाचल के जंगलों में पाई जाती हैं।
कहा कि यह कदम न केवल प्लास्टिक कचरे को कम करता है बल्कि समुदाय को उसकी सांस्कृतिक जड़ों से भी जोड़ता है। जिससे परंपरा और आधुनिकता का एक स्थायी और पर्यटन-अनुकूल दृष्टिकोण सामने आता है।
सोमवार को सिस्सू में आयोजित एक भव्य कार्यक्रम में आधिकारिक रूप से शुरू की गई। एसडीएम केलंग एवं डीटीडीओ रजनीश शर्मा ने मुख्यातिथि के तौर पर शिरकत करते हुए इसका शुभारंभ किया।
इस मौके पर रजनीश शर्मा ने पंचायत व इस कार्य में में जुटी विभिन्न संस्थाओं के इस दूरदर्शी दृष्टिकोण की सराहना की है। उन्होंने कहा, “यह पहल इस बात का शानदार उदाहरण है कि कैसे समुदाय पर्यावरण की रक्षा और अपनी विरासत को संरक्षित करने के लिए नेतृत्व कर सकते हैं।” उन्होंने अन्य क्षेत्रों से भी सिस्सू के इस कदम को अपनाने का आग्रह किया।
एसडीएम रजनीश शर्मा ने कहा कि सिस्सू के हेलीपैड क्षेत्र को अब प्लास्टिक प्लेट-मुक्त क्षेत्र बनने की दिशा में बढ़ाया जा रहा सराहनीय कदम है। यह पंचायत के आने वाले वर्षों में लगभग शून्य कचरा स्थिति प्राप्त करने के महत्वाकांक्षी लक्ष्य की दिशा में पहला कदम है। हालाँकि आगे की यात्रा लंबी है।
लेकिन यह शुरुआत हिमालय की अछूती सुंदरता को भविष्य की पीढ़ियों के लिए सुरक्षित रखने के लिए समुदाय की सामूहिक इच्छाशक्ति का प्रतीक है।
इस मौके पर पीटीडीसी सिस्सू के प्रतिनिधि ने अपने विचार साझा करते हुए कहा कि “यह केवल स्थिरता की ओर एक कदम नहीं है; यह हमारे लिए और दुनिया के लिए एक वादा है। कहा कि “हम मानते हैं कि छोटे-छोटे कार्य भी, जब उद्देश्य और एकता के साथ किए जाते हैं, तो असाधारण बदलाव ला सकते हैं।
इस अवसर पर पीएचडी के अविनाश व ललिता ने भी अपने विचार रखते हुए कहा कि हमारा सपना है कि सभी पंचायतें, विशेष रूप से पर्यटन सर्किट में, ऐसी पर्यावरण-अनुकूल प्रथाओं को अपनाएं।”
उल्लेखनीय है कि POPGT परियोजना के तहत, पीपल एंड पीपल गवर्नड टूरिज़्म का लक्ष्य न केवल पर्यावरणीय स्थिरता को बढ़ावा देना है बल्कि स्थानीय आजीविका को सुदृढ़ करना भी है।
इस परियोजना के अंतर्गत होमस्टे मालिकों के लिए दिशा-निर्देश तैयार किए जा रहे हैं। जिनमें कौशल उन्नयन, आगंतुक प्रबंधन की प्रथाएँ और पंचायत, स्वयं सहायता समूहों (SHGs) और महिला मंडलों के सहयोग से आजीविका को मजबूत करने के प्रयास शामिल हैं।
इसी परियोजना के अंतर्गत, पीटीडीसी अपनी पर्यटन विकास योजनाएँ तैयार कर रही है। जिनमें से एक प्रारूप कोक्सर पंचायत में तैयार हो रहा है। यह पहल न केवल पर्यावरण की रक्षा कर रही है। बल्कि स्थानीय समुदायों के जीवन को बेहतर बनाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।
इस अभियान को सफल बनाने में स्थानीय पंचायत और पीटीडीसी सिस्सू के सदस्यों का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। जिनमें प्रधान राजीव, उप प्रधान संदीप किंगोपा और सदस्य जितेंद्र कटोच, राजन, नीरज, संजीव, विवेक, संजीव आनंद, राजेश चंद, कमलजीत, सुनीता, निर्मला, मनोज मिरूपा, प्रणव, डेकिड पाल्मो, विजय आनंद, प्रदीप कटोच, पूरन चंद, सोमदेव, कमला देवी, अंजू देवी, अंकुश, मोहिंदर, उमेश शामिल हैं।
पीएचडी और पंचायत के सहयोग से, सिस्सू यह दिखा रहा है कि परंपरा और नवाचार कैसे मिलकर एक स्थायी भविष्य का निर्माण कर सकते हैं। यह केवल एक परियोजना नहीं है; यह आशा, जिम्मेदारी और दृढ़ता का एक लक्ष्य है, जो हिमालयी क्षेत्र को हरित और अधिक स्थायी बनाने की दिशा में एक प्रेरणा बन रहा है।