सुरभि न्यूज़ ब्यूरो
शिमला, 08 फरवरी
हिमाचल प्रदेश के युवयों में दिन प्रतिदिन बढ़ती नशे की लत एक बड़ी समस्या बन गई है। नशे की लत से युवा पीढ़ी का भविष्य अंधकारमय नजर आ रहा है। चिट्टे की लत से कई घरों के चिराग बुझ चुके है।
प्रदेश के ऊपरी शिमला की बात करें तो केवल रोहड़ू और जुब्बल दो उपमंडल में चिट्टे के दलदल में फंसे करीब दो सौ युवक जेल की हवा खा चुके हैं। पांच युवकों की नशे के ओवरडोज से मौत हो चुकी है। दुर्गम क्षेत्र डोडरा क्वार तक चिट्टा पांव पसार चुका है।
जिला परिषद उपाध्यक्ष सुरेंद्र रेटका, कृषक सलाहकार समिति के अध्यक्ष सोहन लाल चौहान व अन्य लोगों का कहना है कि पंचायत स्तर से चिट्टे को रोकने की समय पर पहल नहीं हुई और युवाओं की रगों में सफेद जहर घुलता रहा, तो उड़ता पंजाब की तर्ज पर हिमाचल को उड़ता हिमाचल बनने में अधिक समय नहीं लगेगा।
नशे को जड़ से खत्म करने के लिए पंचायत स्तर पर सरकार को पहल करनी होगी, ताकि युवाओं को चिट्टे की लत से बचाया जा सके। साल 2023 से 31 जनवरी, 2024 तक रोहड़ू, जुब्बल और चिड़गांव पुलिस थाने में चिट्टे के 90 मामले दर्ज किए गए। बीते दो साल में चिट्टे के मामले में करीब 123 लोगों के खिलाफ मामले दर्ज किए गए। इन लोगों से करीब सात सौ ग्राम चिट्टा पुलिस ने बरामद किया है।