सुरभि न्यूज़
कुल्लू
प्रोजेक्ट कॉज नाम की एक संस्था ने लला मेमे फ़ाउंडेशन के साथ एक बैठक क़ी, जिसकी अध्यक्षता राजीव गांधी कैंसर हॉस्पिटल दिल्ली के विशेषज्ञ डॉ सुमित गोयल ने करते हुए कहा कि विशेषकर महिलाओं में स्तन कैंसर के बहुत अधिक बढ़ने के साथ पुरुषों में भी अनेक प्रकार के कैंसर बढ़ रहे हैं।
इन्हें आवश्यक रूप से कम करने के लिए हॉस्पिटल के इलाज के साथ साथ सामाजिक स्तर पर गहन जागरूकता की भी आवश्यकता है, जिसके लिए उन्होंने प्रोजेक्ट कॉज नामक संस्था के साथ लला मेमे फाउंडेशन का एम ओ यू होगा।
इस संस्था ने भारत के सम्पूर्ण हिमालयी क्षेत्रों में कैंसर से लड़ने के लिए अभियान छेड़ने का निश्चय किया है, जिसके अंतर्गत एक वर्ष लोगों में जागरूकता फैलती जाएगी और अगले वर्ष उन्हो लोगों की मेमोग्राफी टेस्टिंग की जाएगी।
पुराने आंकड़ों के साथ नए आंकड़ों की तुलना करने के बाद इस तरह से परिवर्तन का डेटा बनाया जाएगा ताकि प्रोजेक्ट कॉज के असर को आंकड़ों के साथ समझा जा सकेगा।
गोयल ने कहा कि बदली हुई जीवन शैली के करण कई प्रकार के कैंसर हो रहे हैं और यदि कहीं गुठली हो तो उसकी जांच करा लेनी चाहिए, हालाँकि यह भी तथ्य है कि जार गुठली कैंसर नहीं होती।
उन के साथ प्रोजेक्ट कॉज के अध्यक्ष सुरजीत चटर्जी ने भी मिडिया को संबोधित करते हुए कहा कि एक वर्ष पूर्व वह स्वयं कैंसर के चौथे स्टेज से पीड़ित हुए तो राजीव गांधी हॉस्पिटल में डॉ सुमित से मिली। जिन्होंने उनका इलाज किया।
इलाज के साथ साथ उन्हें कई प्रकार की जानकारियाँ मिली तो उन्होंने निश्चय किया कि ठीक हो कर अपना जीवन कैंसर के रोकथाम के लिए अर्पित करेंगे। ऐसी अवस्था में उनका संपर्क लला मेमे फाउंडेशन के साथ हुआ और हिमालय क्षेत्रों में दोनों संस्थाओं के साथ मिल कर काम करने की बात निश्चित हुई।
लला मेमे फाउंडेशन के अध्यक्ष मंगल मनेपा ने इस कदम का स्वागत करते हुए कहा कि फाउंडेशन के पास पश्चमी हिमालय में अच्छा संपर्क है और वह प्रोजेक्ट कॉज के साथ मिल कर जागरूकता अभियान चलाने के लिए उत्साहित हैं ।