साहित्य : कुल्लू में तीन दिवसीय कुल्लू साहित्य उत्सव सम्पन्न, डाॅ. पंकज ललित ने समापन समारोह में बतौर मुख्यातिथि क़ी शिरकत

Listen to this article

सुरभि न्यूज़

प्रताप अरनोट, कुल्लू

कुल्लू, 10 मार्च। कुल्लू में तीन दिवसीय कुल्लू साहित्य उत्सव-2025 का विधिवत समापन समारोह के मुख्यातिथि एवं भाषा-संस्कृति विभाग के निदेशक डाॅ. पंकज ललित ने देर शाम जिला मुख्यालय स्थित देवसदन के सभागार में किया।

साहित्य उत्सव में जहां विविध विषय-विशेषज्ञों ने उत्सव के प्रमुख विषय भक्ति काल में सूफी एवं निर्गुण साहित्य तथा पर्यावरण एवं योग विषय पर अपने वक्तव्य प्रस्तुत कर विषय संदर्भ एवं समसामयिक विषयों का लेकर अपने वक्तव्य प्रस्तुत किये, वहीं विभिन्न महाविद्यालयों एवं विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों एवं शोधार्थियों ने अपनी भागिदारी सुनिश्चित की।

यह कार्यक्रम हिमतरु प्रकाशन समिति एवं भाषा एवं संस्कृति विभाग के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित किया गया। कुल्लू साहित्य उत्सव-2025 के समापन अवसर पर भाषा एवं संस्कृति विभाग के निदेशक डाॅ. पंकज ललित ने आयोजकों का सफल समारोह की बधाई देते हुए कहा कि इस कार्यक्रम का स्तर, गुणवत्ता, वक्ताओं का चयन काबीले तारीफ है तथा एक यह एक बहेतरीन आयोजन रहा।

उन्होंने कहा कि लेखक समाज में जिन चीजों की तरफ पाठक वर्ग का ध्यान आकर्षित करवाता है, उससे वे हमारा ध्यान खींचते हैं, जिससे सामाजिक कुरुतियों व एक सजग नागरिक की भूमिका सुनिश्चित होती है। कहा कि वर्तमान समय में हमें सब चीजों पर ध्यान से मनन करने की आवश्यकता है।

इसके लिए महत्त्वपूर्ण यह है कि लेखक जब भी किसी विषय पर आलेख लिखें या पूरी पुस्तक लिखें तो उसको मूर्त रूप देने से पूर्व या तो उस ड्राफ्ट को किसी संपादक से या फिर अन्य लेखकों से उसकी समीक्षा करावाएं ताकि एक बेहतर कृति पाठक के समक्ष प्रकाशित होकर सामने आएं।

उन्होंने इस संदर्भ में प्रसिद्ध साहित्यकार रामचंद्र गुहा की पुस्तकों की बेहतरीन एडिटिंग की बात की। उन्होंने कहा कि पाठकों के लिए लिखना-पढ़ना जितना ज़रूरी है, उसे पाठक तक पहुंचाना भी उतना ही आवश्यक है तथा लिखे हुए ड्राफ्ट को कैसे रिफाइन करना है और कैसे पाठकों तक ले जाना है, यह भी अच्छे लेखक की जिम्मेवारी है।

पंकज ललित ने प्रदेश सरकार द्वारा लेखकों, पाठकों, प्रकाशकों एवं विभिन्न संस्थाओं के लिए चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं के बारे विस्तृत जानकारी दी। कहा कि शिमला के गेयटी थिएटर की तर्ज पर अटल सदन में कान्फ्रेंस हाॅल पंजीकृत साहित्यिक संस्थाओं को माह में एक बार निःशुल्क उपलब्ध करवाया जाएगा, जिससे साहित्यिक एवं सांस्कृतिक गतिविधियों को बल मिलेगा।

इस अवसर पर कुल्लू साहित्य उत्सव कोर कमेटी के प्रमुख डाॅ. निरंजन देव शर्मा ने जानकारी दी कि इस आयोजन में कुल पांच प्रमुख वक्तायों ने विषय संदर्भ में अपने वक्तव्य प्रस्तुत किये जबकि वर्ष 2024-25 के दौरान प्रकाशित तीन पुस्तकों में अजेय की पुस्तक ‘रोहतांग आर-पार’, ईशिता आर गिरीश की पुस्तक ‘सपनों का ट्रांसमिशन’ तथा किशन श्रीमान की पुस्तक ‘देव नगरी’ को लेकर चर्चा की गई।

समापन अवसर पर हिमतरु के तमाम पदाधिकारी एवं सदस्यगण, कुल्लू साहित्य उत्सव के तमाम पदाधिकारी एवं सदस्यगण, जिला भाषा अधिकारी प्रोमिला गुलेरिया व अन्य गणमान्य लोग मौजूद रहे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *