सुरभि न्यूज़
सैंज, कुल्लू
प्रदेश सरकार पहले ही आर्थिक मंदी के दौर से गुजर रही पर कुछ अधिकारी सरकार पर बोझ बने हुए हैं। भले ही सरकार बाहरी राज्यों के हाथ गए संसाधनों को वापिस लाने के लिए खासी दौड़ धूप कर रही है, लेकिन राज्य के अपने उपक्रमों में अधिकारियों की मनमानी रोकने में नाकाम साबित हो रही है।
मामला राज्य सरकार के उपक्रम हिमाचल प्रदेश पॉवर कॉरपोरेशन का है। इस उपक्रम के अधीन सौ मेगावाट ऊर्जा उत्पादन क्षमता वाली सैंज जल विद्युत परियोजना आती है।
परियोजना के डेम, टनल और पॉवर हाउस सैंज घाटी में स्थित है जबकि अधिकारियों के कार्यालय लारजी और शाढाबाई में है।
यहां लम्बे समय से अधिशासी अभियंता के एक पद पर दो अधिकारी बैठे हुए हैं। बताया जा रहा है कि एक अधिशासी अभियंता का तबादला कोटली के लिए फरवरी 2024 में हुआ था। लेकिन उसने वहां जोइनिंग नही कीया है।
बंजार के विधायक सुरेंद्र शौरी ने इस मामले को विधानसभा में प्रमुखता से उठाया है। विधायक ने आरोप लगाया कि अधिशासी अभियंता अपनी ऊंची पहुंच के चलते बीते 15 सालों से एक ही जगह अड़ा हुआ है। जिससे उसकी कार्यप्रणाली भी संदेह के घेरे में आती है।
शौरी ने कहा कि एक तरफ सरकार आर्थिक मंदी का रोना रो रही है और दूसरी तरफ एक ही पद पर दो-दो अधिकारी बैठा रखे हैं।
एक पद दो अधिकारी होना सरकार लाचारी जैसे हालात हैं। उन्होंने कहा कि सरकार प्रदेश के अपने ही संसाधनों को संचालित नही कर पा रही है।
इधर, विधानसभा में मामला उछलने के बाद बंजार भाजपा के पदाधिकारियों ने भी एचपीपीसीएल प्रबंधन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।
सैंज मंडल अध्यक्ष अमर ठाकुर, महामंत्री शेर नेगी, ओम प्रकाश ठाकुर, जिला महिला मोर्चा की पूर्व अध्यक्ष कमलेश शर्मा, गोपाल शर्मा, वेद राम और झाबे राम ने कहा कि सरकार अपने चेहतों पर पूरी तरह से मेहरबान है। एक पद पर दो दो अधिकारियों को बैठाकर प्रदेश की आर्थिक तंगी कैसे दूर होगी।
उधर, एचपीपीसीएल के डीजीएम इंद्र शर्मा ने कहा कि तबादले के बाद भी एक अधिशासी अभियंता यहां से रिलीव नही हुआ है। ऐसे में दोनों अधिकारियों को काम बांटे गए हैं।