हिमाचल प्रदेश में मंत्रियों और विधायकों के वेतन और भत्तों में 26% की हुई बढ़ोतरी, अगली वेतन वृद्धि 01 अप्रैल 2030 से होगी प्रभावी 

Listen to this article

सुरभि न्यूज़

शिमला

हिमाचल प्रदेश में मुख्यमंत्री, मंत्रियों, विधानसभा अध्यक्ष और विधायकों के वेतन का प्रस्ताव विधानसभा में पारित किया गया, जिसमें कांग्रेस और भाजपा दोनों के विधायकों ने समर्थन किया। हालांकि, सरकार ने कुछ भत्ते समाप्त भी किए हैं। मंत्रियों और विधायकों के वेतन और भत्तों में 26% की बढ़ोतरी की गई है, जिससे इनका कुल मासिक वेतन और भत्ता 3.15 लाख रुपये तक पहुंच गया है।

विधायकों के वेतन को मूल वेतन 55,000 रुपये से बढ़ाकर 70,000 रुपये कर दिया गया। निर्वाचन क्षेत्र भत्ता 90,000 रुपये से बढ़ाकर 1.20 लाख रुपये कर दिया गया। कार्यालय भत्ता: 30,000 रुपये से बढ़ाकर 90,000 रुपये किया गया। कुल मासिक वेतन और भत्ता: पहले  2.10 लाख रुपये था, जो अब बढ़कर 3.15 लाख रुपये हो गया है।

मुख्यमंत्री, मंत्रियों और विधानसभा पदाधिकारियों का वेतन में भी बढ़ोतरी क़ी गई है जिसमें प्रधानमंत्री का पहले वेतन 95,000 रुपये था, अब बढ़कर 1.15 लाख रुपये हो गया।कैबिनेट मंत्री एवं विधानसभा अध्यक्ष का पहले वेतन 80,000 रुपये था, अब बढ़कर 95,000 रुपये हो गया जबकि विधानसभा उपाध्यक्ष का पहले वेतन 75,000 रुपये था, अब बढ़कर 92,000 रुपये हो गया।

सरकार ने विधायकों और पूर्व विधायकों को दिए जाने वाले कुछ भत्तों को समाप्त कर दिया है, जिससे उनकी अतिरिक्त सुविधाओं में कटौती हुई है। टेलीफोन भत्ता पहले विधायकों को 15,000 रुपये प्रतिमाह मिलता था, जिसे समाप्त कर दिया गया। वहीं बिजली और पानी का भत्ता पहले विधायकों को बिजली और पानी के बिल की प्रतिपूर्ति मिलती थी, जिसे खत्म कर दिया गया जबकि पूर्व विधायकों का टेलीफोन भत्ता भी समाप्त किया गया।

वेतन वृद्धि अब नए नियम के अनुसार प्राइस इंडेक्स के आधार पर क़ी जाएगी जो हर पांच साल में स्वतः बढ़ेंगी।अगली वेतन वृद्धि 01 अप्रैल 2030 से प्रभावी होगी।

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सदन में कहा कि वर्तमान में विधायकों को 2.10 लाख रुपये प्रति माह मिलते थे, लेकिन बिजली-पानी के बिल और इनकम टैक्स कटने के बाद उन्हें सिर्फ 1.60 लाख रुपये मिल रहे थे। इसलिए, उनकी वित्तीय जरूरतों को ध्यान में रखते हुए यह वृद्धि की गई है।

हिमाचल प्रदेश वर्तमान में आर्थिक संकट से जूझ रहा है।मुख्यमंत्री, मंत्रियों, विधायकों और विधानसभा पदाधिकारियों के वेतन बढ़ोतरी के इस फैसले की आलोचना भी हो रही है। हालांकि, सरकार ने तर्क दिया कि भत्तों में कटौती कर कुछ हद तक संतुलन बनाया गया है।

वेतन और भत्तों में बढ़ोतरी के बाद हिमाचल प्रदेश के विधायकों की आय में 1 लाख रुपये से ज्यादा की वृद्धि हुई है, लेकिन कुछ भत्तों को खत्म कर दिया गया है। वेतन में हर 5 साल में स्वतः बढ़ोतरी का प्रावधान भी कर दिया गया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *