रेकी हीलिंग प्रक्रिया शारीरिक-मानसिक व आध्यात्मिक चेतना का समग्र माध्यम : छवि ठाकुर

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सुरभि न्यूज़

प्रताप सिंह अरनोट, बजौरा (कुल्लू)

हिमाचल प्रदेश के कुल्लू-मंडी जिला की सीमा पर स्थित बजौरा रोपा में शनिवार को रेकी हीलिंग प्रक्रिया से संबंधित जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। जिसमें बड़ी संख्या में लोगों ने हिस्सा लिया। इस मौके पर रेकी हीलिंग की प्रमुख छवि ठाकुर ने शिविर में आए प्रतिभागियों को रेकी हीलिंग के संदर्भ में विस्तार से जानकारी दी।

उन्होंने कहा कि रेकी हीलिंग प्रक्रिया जापान से निकली है, जिसके मुख्य जनक मकाउ द्वारा वर्ष 1925 में इसकी खोज की थी। उसके बाद धीरे-धीरे रेकी हीलिंग पूरे विश्व में फैल गई। भारत में भी इस प्रक्रिया को अपनाने वाले लोग भारी संख्या में है।

उन्होंने कहा कि रेकी हीलिंग सात चक्र के साथ जुड़ी हुई है। सात चक्र प्रक्रिया को करने से शारीरिक, मानसिक तनाव व अन्य व्याधियों से मुक्ति मिलती है। वहीं अध्यात्म के साथ भी सीधा जुड़ाव होता है।

उन्होंने शिविर में आए प्रतिभागियों को रेकी हीलिंग की विभिन्न प्रक्रिया से व्यावहारिक तौर पर अवगत करवाया। रोपा के ओशो फ्रेंड्स होम में आयोजित शिविर में पंजाब से भी कुछ प्रतिभागियों ने अपनी उपस्थिति दर्ज करवाई।

ओशो फ्रेंड्स होम रोपा के संचालक व शिविर के संयोजक केशव ठाकुर ने बताया कि रेकी हीलिंग से संबंधित शिविरों का आयोजन रोपा के अलावा जिला के विभिन्न इलाकों में भी किया जाएगा।

छवि ठाकुर का कहना है कि वह आने वाले समय में रेकी के विषय में लोगों को जागरूक करने के संदर्भ में हिमाचल में शिविरों का आयोजन करेंगे। हालांकि रेकी हीलिंग की प्रशिक्षक छवि ठाकुर दिल्ली में रहती हैं, लेकिन वह स्थाई तौर पर हिमाचल की निवासी हैं। ऐसे में इनका पूरा ध्यान हिमाचल पर है।

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