सुरभि न्यूज़, मंडी
सहायक आयुक्त खाद्य सुरक्षा मंडी ने अपनी पत्नी के नाम पर तेल की फैक्टरी खोलकर एक साथ कई सरकारी नियमों की धज्जियाँ उड़ा दी हैं। जैसा कि सर्वविदित है, कोई भी सरकारी कर्मचारी अपने कार्यक्षेत्र से संबंधित व्यवसाय नहीं कर सकता। इस तरह के कृत्य के लिए कानून में एक वर्ष तक की सजा का प्रावधान है।
शिकायतकर्ता परमजीत ढटवालिया एक के बाद एक चौंकाने वाले खुलासे कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि जब उन्होंने इस फैक्टरी से जुड़े उत्पादों पर अंकित रजिस्ट्रेशन नंबर की जांच की, तो यह सामने आया कि फैक्टरी केवल ₹100 की सालाना फीस पर चलाई जा रही है जबकि नियमों के अनुसार तेल उद्योग का संचालन केवल रजिस्ट्रेशन से नहीं, बल्कि वैध लाइसेंस से संभव है, जिसकी सालाना फीस ₹2000 से ₹5000 तक होती है।
इसके साथ ही नियमों के अनुसार, तेल से संबंधित उद्योग चलाने के लिए फैक्टरी में प्रयोगशाला (लैब) होनी चाहिए और एक योग्य व्यक्ति की नियुक्ति अनिवार्य है। लेकिन इन शर्तों की अनदेखी करते हुए अधिकारी ने अपनी ही पत्नी के नाम पर लाइसेंस जारी करवा लिया।
परमजीत ढटवालिया ने यह भी खुलासा किया कि उन्हें भबीता टंडन मामले से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेज़ हाथ लगे हैं, जो इस भ्रष्टाचार की जड़ों को और गहराई से उजागर करते हैं। वे यह दस्तावेज़ जल्द ही स्वास्थ्य सचिव को सौंपने वाले हैं।
उन्होंने आम जनता से अपील की है कि भ्रष्टाचार को किसी भी रूप में न बर्दाश्त करें और भ्रष्टाचारियों का साथ देने वालों को भी न्याय के कटघरे में लाने का काम करें।
आप किसी भी प्रकार की शिकायत या सूचना व्हाट्सएप के माध्यम से नीचे दिए गए नंबर पर दर्ज करा सकते हैं – 8800266727.