सुरभि न्यूज
खूशी राम ठाकुर, बरोट
छोटाभंगाल के कोठी कोहड़ गांव के 85 वर्षीय मखौली राम का बुढापे में भी नौजवानी जैसा जनून दिखाई देता है। अंग्रेजों की तरह दिखने वाले मखौली राम के चेहरे में इस बुढापे में अब भी लालगी छाई हुई है। बडी-बडी सफेद रौबदार मुंछों से मखौली राम ओर भी ज्यादा जवान दिखाई देते है।
मखौली राम ने बरोट में मीडिया से रूबरू होकर बताया कि उनका जन्म वर्ष 1940 को हुआ है तथा बड़ी आयु में कोठी कोहड़ में तत्कालीन स्थित मिडल स्कूल में पहली कक्षा में दाखिल हुए तथा वर्ष 1953 में पांचवी तथा वर्ष 1956 में आठवीं कक्षा पास करने के बाद पढ़ाई छोड़ दी और वर्ष 1960 में वे विवाह के बंधन में बंध गए।
उनकी सरकारी नौकरी की तरफ कोई रूचि नहीं थी मगर सेना में जाने के लिए उन्होंने जरूर कोशिश की मगर वहां भी किस्मत ने साथ नहीं दिया और मज़बूर होकर वर्ष 1963 से अपने पिता के साथ अपने पुश्तैनी कार्य भेड़-बकरियों को चराने में व्यस्त रहे। आजकलज अब घर में एक अच्छे किसान बनकर खेतों में कार्य करने में व्यस्त रहते है।
उनका कहना है कि लगभग पन्द्रह वर्ष पहले उनकी पत्नी उनका साथ छोड़ गई मगर उनकी तीन बेटियाँ और दो बेटे हैं जो सभी शादीशुदा है। अब पोते-पोती व दहोते-दहोतियाँ संग अपने दोनों बेटों के साथ आराम से अपना सुखी जीवन व्यतीत कर रहे हैं।
अच्छी सेहत के बारे में उनका कहना है कि उन्हें आज तक मात्र सर्दी-जुखाम के सिवाय किसी भी प्रकार की बीमारी ने नहीं घेरा है। मेरी तंदरूस्ती का राज घर का शुद्ध खान-पान है तथा प्राकृतिक खेती से उगाए अन्न, शुद्ध पानी व स्वच्छ जलवायु के ग्रहण करना है।
उन्होंने बताया कि वे दो बार मणिमहेश यात्रा कर भगवान के दर्शन कर आर्शिवाद ले चुके हैं और एक बार कुल्लू में स्थित मनिकरण में पवित्र स्नान कर चुके है। वे 85 वर्ष की आयु में भी नौजवानों की तरह पथरीले रास्तों में उतराई और चढाई चढ़ लेते हैं और गृह कार्य करने के साथं खेतों का कार्य भी आराम से करते रहते हैं।