रेडियो नग्गर का सामाजिक संकल्प — नाटकों के ज़रिए साइबर अपराध और नशा मुक्ति पर जन जागरूकता

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सुरभि न्यूज़

प्रताप अरनोट, नग्गर / कुल्लू

सामुदायिक रेडियो स्टेशन रेडियो नग्गर ने एक बार फिर अपनी सामाजिक ज़िम्मेदारी निभाते हुए लोगों को जागरूक करने का बेहतरीन प्रयास किया है। हाल ही में शाढी जाच नग्गर में आयोजित मेले में रेडियो नग्गर ने मेला समिति के सहयोग से सहभागिता निभाई। छ: दिवसीय इस भव्य सांस्कृतिक मेले में कुल्लू ज़िले की लगभग 19 से 20 पंचायतों से आए प्रतिनिधियों सहित बड़ी संख्या में स्थानीय नागरिकों ने सहभागिता निभाई। इस अवसर पर रेडियो नग्गर की टीम ने साइबर अपराध और नशा मुक्ति जैसे गम्भीर सामाजिक विषयों पर केंद्रित प्रभावशाली नाटकों के माध्यम से जन जागरूकता फैलाने का सार्थक प्रयास किया।

डिजिटल युग में साइबर अपराध एक गंभीर सामाजिक और आर्थिक चुनौती के रूप में उभरा है। आज अपराधी तकनीक का सहारा लेकर लोगों को फर्जी कॉल, ई-मेल, वेबसाइट्स और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के माध्यम से निशाना बना रहे हैं। बैंकिंग ठगी, ओटीपी फ्रॉड, लॉटरी स्कैम, केवाईसी अपडेट जैसे नामों पर मासूम नागरिकों से लाखों रुपये की धोखाधड़ी हो रही है।

इस संदर्भ में रेडियो नग्गर की टीम ने मंच के माध्यम से बेहद सरल भाषा और नाटकीय शैली में यह समझाया कि संदिग्ध लिंक और कॉल से कैसे बचें। सोशल मीडिया पर निजी जानकारी साझा करते समय किन सावधानियों का पालन करें और यदि साइबर अपराध का शिकार हो जाएं तो तुरंत साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 या नजदीकी पुलिस थाने में रिपोर्ट कैसे करें।

इस नाटक के ज़रिए यह भी ज़ोर दिया गया कि आज के समय में तकनीकी साक्षरता ही आत्म-सुरक्षा की पहली सीढ़ी है। यदि नागरिक सतर्क और अपडेटेड रहेंगे, तो वे साइबर अपराधियों की चालों का आसानी से मुकाबला कर सकते हैं। शाढी जाच के दौरान रेडियो नग्गर की टीम ने केवल साइबर अपराध जैसे तकनीकी विषयों पर ही नहीं, बल्कि एक और गंभीर सामाजिक समस्या नशाखोरी पर भी सशक्त रूप से जन जागरूकता फैलाने का प्रयास किया।

नशा एक ऐसी सामाजिक बुराई बन चुका है जो हिमाचल प्रदेश के युवाओं को मानसिक, शारीरिक और सामाजिक रूप से खोखला कर रहा है। इस चुनौती से निपटने के लिए सिर्फ सरकारी प्रयास ही नहीं, बल्कि समाज के हर वर्ग की सक्रिय भागीदारी आवश्यक है।

इसी विचार को केंद्र में रखते हुए रेडियो नग्गर की टीम ने एक प्रभावशाली नुक्कड़ नाटक के ज़रिए यह संदेश दिया कि कैसे परिवार, शिक्षक और समाज मिलकर युवाओं को नशे की गिरफ्त में जाने से रोक सकते हैं। नशा सिर्फ एक व्यक्ति नहीं, बल्कि पूरे परिवार और समुदाय को प्रभावित करता है और कैसे जनजागरूकता, संवाद और सहयोग से कुल्लू को नशा मुक्त बनाया जा सकता है।

नाटक के माध्यम से यह भी दर्शाया गया कि समय रहते हस्तक्षेप और सहयोग से युवा पीढ़ी को नई दिशा दी जा सकती है। 6इस प्रस्तुति की विशेष बात यह रही कि स्थानीय लोगों के साथ-साथ देश-विदेश से आए पर्यटकों ने भी इसे अत्यंत सराहनीय बताया।

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