आंगनबाड़ी वरकर्ज़ एवं हैल्परज़ यूनियन की चौंतड़ा प्रोजेक्ट कमेटी ने अपनी मांगों को लेकर किया प्रदर्शन

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सुरभि न्यूज़

प्रताप अरनोट, चौंतड़ा/जोगिंदर नगर

सीटू से संबन्धित आंगनबाड़ी वरकर्ज़ एवं हैल्परज़ यूनियन की चौंतड़ा प्रोजेक्ट कमेटी का सम्मेलन कल शाम को चौंतड़ा में आयोजित किया गया। इस अवसर पर यूनियन की जिला सचिव सुदर्शना शर्मा, कोषाध्यक्ष अंजुला, जिला कमेटी सदस्य सरला तथा किसान सभा के राज्य उपाध्यक्ष कुशाल भारद्वाज भी विशेष रूप से उपस्थित रहे। सम्मेलन में 8 सर्कलों से कुल 77 वर्कर्स व हेल्पर्स प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। इस अवसर पर नई कमेटी का भी चुनाव किया गया, जिसमें सर्वसम्मति से तमन्ना को प्रधान, अर्चना, हीरो देवी, दुर्गा ठाकुर व रंजना को उपाध्यक्ष, रानी देवी को सचिव, सोनम, बंदना व कुसमा को सह सचिव, तथा सुदर्शना को कोषाध्यक्ष चुना गया। जबकि कृष्णम बबली, वर्षा, रूहणी, सरला, नीलम, सुषमा, प्रवीण, मीना देवी, रजनी, सोचो देवी, सुलेशा, बंदना व कांता को कमेटी सदस्य चुना गया। कार्यकारिणी में 4 स्थान रिक्त रखे गए हैं, जिन्हें बाद में भरा जाएगा।

सम्मेलन के उदघाटन सत्र में यूनियन की जिला सचिव सुदर्शना शर्मा, कोषाध्यक्ष अंजुला, प्रोजेक्ट कमेटी की प्रधान तमन्ना, उपाध्यक्ष अर्चना ने भी सम्मेलन को संबोधित किया। यूनियन की प्रोजेक्ट कमेटी की सचिव रानी देवी ने सम्मेलन में कार्यकारिणी की राजनीतिक सांगठनिक रिपोर्ट प्रस्तुत की, जिस पर अलग अलग सर्कलों से आई प्रतिनिधियों ने चर्चा कर अपने सुझाव भी प्रस्तुत किए तथा रिपोर्ट को पारित किया। इस अवसर पर जिला सचिव सुदर्शना शर्मा ने कहा कि देश व प्रदेश की सरकार वर्कर्स व हेलपेर्स तथा आम मजदूर विरोधी नीतियाँ लागू कर रही हैं। केंद्र सरकार आंगनबाड़ी को निजी हाथों में सौंपने को आमदा है जो हमें मंजूर नहीं है। उन्होंने मांग की कि आंगनबाड़ी वर्कर्स व हेल्पर्स को सरकारी कर्मचारी का दर्जा दिया जाये। हरियाणा की तर्ज पर आंगनबाड़ी वरकर्ज़ व हैल्परज़ को मानदेय दिया जाये तथा उनका वेतनमान उनके सेवाकाल के हिसाब से तय किया जाये। यूनियन की जिला कोषाध्यक्ष अंजुला ने संगठन को मजबूत करने तथा अपनी मांगों के लिए संघर्ष तेज करने के महत्व पर प्रकाश डाला।

सम्मेलन के समापन सत्र में कुशाल भारद्वाज ने कहा कि केंद्र सरकार ने 44 श्रम क़ानूनों को खत्म कर 4 श्रम संहिताएं लाकर मजदूर विरोधी व कॉर्पोरेटपरस्त रास्ता अपनाया है। स्कीम वर्करों का शोषण हो रहा है तथा आंगनबाड़ी वर्करों व हेल्परों से तरह-तरह के काम लेने के बावजूद बहुत कम मानदेय उनको दिया जा रहा है। केंद्र सरकार द्वारा 45वें व 46वें भारतीय श्रम सम्मेलन की सिफ़ारिशों को लागू नहीं किया जा रहा है। वर्ष 2013 में हुए 45वें भारतीय श्रम सम्मेलन की सिफ़ारिश के अनुसार आंगनबाड़ी कर्मियों को नियमित किया जाये। उन्होंने कहा कि हर बार आईसीडीएस बजट में कटौती भी इस बात का जीता जागता उदाहरण है, कि भाजपा सरकार आंगनबाड़ी वरकर्ज़ व हेल्परज़ की मांगों को पूरा करने बारे गंभीर नहीं है।

प्रदेश सरकार भी आंगनबाड़ी वर्कर्स व हेल्पर्स की मांगों बारे गंभीर नहीं है। आंगनबाड़ी की जब शुरूआत हुई थी तो उन्हें मात्र 150 से 300 रूपये मानदेय मिलता था और आज यह मानदेय दस हजार रूपये मासिक तक पहुंचा है तो यह भी सीटू से अंबन्धित यूनियन के बैनर तले संगठित होकर हजारों वर्करों व हैल्परों के अनवरत संघर्षों के चलते ही संभव हुआ है। लेकिन आज के दौर में यह मानदेय नाकाफी है तथा मानदेय के बजाए वर्कर्स व हेल्पर्स को वेतन मिलना चाहिए। इसके अलावा आंगनबाड़ी कर्मियों के लिए तीन हज़ार रूपये पेंशन, दो लाख रूपये ग्रेच्युटी, मेडिकल व छुट्टियों की सुविधा दी जाये। मिनी आंगनबाड़ी केन्द्रों में कार्यरत वरकर्ज़ को अन्य अंगनबाड़ी वरकर्ज़ के समान वेतन दिया जाये व इन्हें पूर्ण आंगनबाड़ी वरकर्ज़ का दर्जा दिया जाये। वरकर्ज़ की नियुक्ति के लिए कोई आयु सीमा न राखी जाये। आंगनबाड़ी कर्मियों की रिटायरमेंट उम्र 65 वर्ष की जाये।

सम्मेलन में वर्कर्स व हेल्पर्स की विभिन्न मांगों बारे प्रस्ताव पारित किए गए। इस अवसर पर प्रोजेक्ट कमेटी की अध्यक्ष तमन्ना, उपाध्यक्ष अर्चना व सचिव रानी देवी ने कहा कि एनजीओ का काम आंगनबाड़ी को न सौंपा जाये। यूनियन ने स्पष्ट कर दिया है कि तीन बजे के बाद किसी तरह का अतिरिक्त काम नहीं किया जाएगा। उन्होंने 9 जुलाई की अखिल भारतीय आम हड़ताल को पूरी तरह कामयाब बनाने तथा जोगिंदर नगर में विशाल प्रदर्शन में हिस्सा लेने का भी आह्वान किया गया।

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