विकास की राह को तरसता छोटाभंगाल तथा चौहार घाटी

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सुरभि  न्यूज़

खुशी राम ठाकुर, बरोट

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व वाली प्रदेश सरकार को सतासीन हुए लगभग अढ़ाई वर्ष का समय हो गया है तथा प्रदेश सरकार प्रदेश भर में विकास कार्य कर भी रहीं है परन्तु  छोटाभंगाल तथा चौहार घाटी की बात की जाए तो यहां पर कोई भी विकास के कार्य नहीं हो रहे है, दोनों क्षेत्रों के लोग विकास की राह को तरस रहे है।

दोनों क्षेत्रों के लोगों में से जसवंत सिंह, मिलाप चंद, सनील दत्त, दुर्गा दास, हीरा लाल, संजय कुमार, सुरिंद्र कुमार, बलदेव राज, रत्तन चंद, वजिन्द्र सिंह, कर्म चंद सहित समस्त लोगों का कहना है कि स्थानीय विधायक कभी-कभी आयोजनों आदि में यहाँ का दौरा कर लोगों की समस्याओं को सुन भी लेते हैं परन्तु मुख्यमंत्री तथा किसी भी विभाग का मंत्री लोगों की समस्याओं को सुनने आज तक नहीं आये।

आजादी के बाद दोनों क्षेत्रों का दुर्भाग्य रहा है कि बोटों की राजनीति करके जितने पर मंत्री बनने के बाद पांच साल तक किसी ने इन लोगों की समस्यायों को गहराई से नहीं सोचा। चुनावों के दौरान झूठे आश्वासनों का लारा दे कर दोनों क्षेत्रों के समस्त लोग अपने आप को ठगा–ठगा सा महसूस कर रहें।

मुख्यमंत्री या किसी भी मंत्री का दोनों क्षेत्रों में दौरा न करने तथा इन लोगों की समस्याओं को गहराई से नहीं सुनने के कारण विकास की कोई भी नई योजनाए सिरे नहीं चढ़ पा रही है। दोनों घाटियों में पर्यटन ब्यवसाय की अपार संभावनाएं है। सभी सरकारी विभागों तथा शिक्षण संस्थानों में आधे से ज्यादा पद खाली चल रहे है। आईटीआई केन्द्र की मंजूरी मिल जाने के बाद डीनॉटीफाई कर दी गयी। दोनों क्षेत्रों को आपस में मिलाकर एक तहसील व विधानसभा क्षेत्र  बनाना , सामुदायिक स्वास्थय केन्द्र बरोट को सिविल अस्पताल दर्जा बढाने तथा अग्निशमन केंद्र को खोलने की मांग कई सालों से चली आरही है।

 

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