चित्रकला : ऐतिहासिक बैंटनी कैसल में शिमला कला महोत्सव आयोजित, मुख्य सचिव ने चित्रकारों को किया सम्मानित

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सुरभि न्यूज़
प्रताप अरनोट, शिमला 
हिमाचल प्रदेश राज्य संग्रहालय द्वारा ऐतिहासिक बैंटनी कैसल में आयोजित तीन दिवसीय शिमला कला महोत्सव का समापन आज मुख्य सचिव, हिमाचल प्रदेश प्रबोध सक्सेना की अध्यक्षता में हुआ। कला महोत्सव का उद्देश्य पारंपरिक व समकालीन चित्रकला को प्रोत्साहन देना तथा उभरते चित्रकारों को मंच प्रदान करना रहा। महोत्सव के दौरान राज्य के विभिन्न हिस्सों से आए चित्रकारों ने अपनी कलाकृतियों का प्रदर्शन किया। पारंपरिक चित्र शैली के साथ आधुनिक चित्रांकन रचनाएं भी प्रदर्शनी में आकर्षण का केंद्र रहीं। आम दर्शकों, चित्रकार प्रेमियों, विद्यार्थियों और पर्यटकों ने बड़ी संख्या में भाग लेकर चित्रों की सराहना की और कलाकारों का उत्साहवर्धन किया।
मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना ने इस पहल के लिए राज्य संग्रहालय की सराहना करते हुए कहा कि इस प्रकार के आयोजनों से न केवल कला व कलाकारों को पहचान मिलती है, बल्कि यह सांस्कृतिक धरोहर के संरक्षण की दिशा में भी एक सशक्त कदम है। उन्होंने बैंटनी कैसल जैसे ऐतिहासिक स्थल पर महोत्सव आयोजित करने को एक रचनात्मक प्रयास बताया और भविष्य में ऐसे और भी कार्यक्रम आयोजित करने पर बल दिया।
मुख्य सचिव ने सभी चित्रकारों द्वारा बनाई गई पेंटिंग का अवलोकन कर सराहना की तथा उन्हें प्रशस्ति पत्र से सम्मानित भी किया। महोत्सव की मुख्य थीम “हिमाचल की सांस्कृतिक विरासत और प्राकृतिक सौंदर्य” पर आधारित रही, जिसमें कलाकारों द्वारा हिमाचल की समृद्ध संस्कृति, प्राकृतिक सौंदर्य और ऐतिहासिक धरोहर को अपनी कला के माध्यम से प्रदर्शित किया। महोत्सव के लिए देश भर से प्राप्त लगभग 800 आवेदनों में से विशेषज्ञों की समिति द्वारा देशभर से 15 प्रतिभागी और हिमाचल प्रदेश के 5 प्रतिभाशाली कलाकारों का चयन प्रदर्शन के लिए किया गया। इसके अतिरिक्त 450 लोगों ने ओपन श्रेणी, 15 स्थानीय स्कूल के छात्रों, 40 फाइन आर्ट कॉलेज के छात्रों एवं 20 हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के छात्रों ने भी भाग लिया।
इस अवसर पर सचिव, भाषा एवं संस्कृति विभाग राखिल कोहलों, निदेशक रीमा कश्यप, संयुक्त निदेशक भानु गुप्ता, संग्रहालयाध्यक्ष हरी चौहान, संग्रहालयाध्यक्ष-2 नरेंदर कुमार, हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय से हिम चटर्जी, फाइन आर्ट कॉलेज प्रधानाचार्य कामायनी, जिला भाषा अधिकारी अनिल हारटा, परिरक्षण अधिकारी गगन खन्ना, विकास बन्याल, अंजना गुलेरिया, नीरज ठाकुर और अन्य कर्मचारी भी मौजूद रहे।

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