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सुरभि न्यूज़
केलांग, 15 जुलाई
जिला पर्यावरण समिति की बैठक का आयोजन आज उपायुक्त कार्यालय के सभागार में किया गया। बैठक की अध्यक्षता उपायुक्त एवं जिला पर्यावरण समिति की अध्यक्षा किरण भड़ाना ने की। बैठक में जिला में पर्यावरण से जुड़े विभिन्न महत्वपूर्ण मुद्दों पर व्यापक चर्चा की गई।
बैठक को संबोधित करते हुए उपायुक्त किरण भड़ाना ने कहा कि जिला की पर्यावरण योजना में अभी भी कई आवश्यक बिंदुओं को समाहित नहीं किया गया है। उन्होंने राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सहायक पर्यावरण अभियंता कुल्लू को निर्देशित किया कि जिला पर्यावरण योजना का पुनः विस्तृत संशोधन किया जाए, ताकि जिले के प्रत्येक क्षेत्र के पर्यावरण संबंधी मुद्दे और स्थानीय आवश्यकताएं इसमें समाहित हो, तत्पश्चात पुनः समिति की बैठक का आयोजन किया जाए।
उन्होंने बताया कि कोकसर स्थित मटीरियल रिकवरी फैसिलिटी केंद्र, जो गत वर्ष हिमस्खलन के कारण क्षतिग्रस्त हो गया था, उसका पुनर्निर्माण कार्य प्रगति पर है। उन्होंने लोक निर्माण विभाग को निर्देशित किया कि प्लास्टिक कचरे का पुनः उपयोग करते हुए सड़क निर्माण कार्य को प्रोत्साहित किया जाए। इसके लिए कम से कम पांच किलोमीटर सड़क का चयन कर आगामी दो माह के भीतर कार्य आरंभ किया जाए, ताकि प्लास्टिक अपशिष्ट का प्रभावी निपटान हो सके।
चंद्रताल झील क्षेत्र में प्लास्टिक प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए झील क्षेत्र में प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन की प्रभावी व्यवस्था की जा रही है। साथ ही वन विभाग को निर्देश दिए गए कि चंद्रताल के समीप स्वच्छता व्यवस्था को और अधिक सुदृढ़ किया जाए तथा पर्यटकों की सुविधा हेतु शौचालयों का निर्माण स्थानीय पर्यावरण परिस्थितियों के अनुरूप किया जाए। इसके लिए डीआरडीओ से तकनीकी सहयोग प्राप्त करने का सुझाव भी दिया गया। बैठक में वन मंडल अधिकारी ने जानकारी दी कि चंद्रताल क्षेत्र में प्राकृतिक जलस्रोत से शुद्ध पेयजल उपलब्ध करवाने की योजना पर विचार किया जा रहा है, जिससे पर्यटक और स्थानीय लोग प्लास्टिक की पेयजल की बोतलों के उपयोग से बच सकें।
सहायक पर्यावरण अभियंता सुनील शर्मा ने पर्यावरण विभाग द्वारा हाल ही में जारी की गई अधिसूचनाओं की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि सरकारी आयोजनों, होटलों एवं रेस्तरांओं में 500 मिलीलीटर तक की प्लास्टिक पानी की बोतलों पर प्रतिबंध लगाया गया है। इसके अतिरिक्त सिंगल यूज प्लास्टिक, फ्लेक्स और बैनर की न्यूनतम मोटाई, व्यावसायिक वाहनों में डस्टबिन की अनिवार्यता तथा विभिन्न प्रकार के पर्यावरणीय उल्लंघनों पर लगाए जाने वाले चालान के प्रावधानों की जानकारी भी साझा की गई।
बैठक में जिला के पर्यावरण संतुलन को बनाए रखने के लिए सभी संबंधित विभागों को आपसी समन्वय के साथ कार्य करने के निर्देश दिए गए।
बैठक में पर्यावरण समिति के सदस्य सचिव एवं एसडीएम केलांग आकांक्षा शर्मा, वन मंडल अधिकारी अनिकेत मारुति वानवे, उप पुलिस अधीक्षक रश्मि शर्मा, खंड विकास अधिकारी डॉ. विवेक गुलेरिया, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. रोशन लाल, उपनिदेशक बागवानी मीनाक्षी शर्मा, महाप्रबंधक उद्योग सनी ग्रैक सहित अन्य विभागों के अधिकारी एवं समिति के सदस्य उपस्थित रहे।