ट्रिनिटी पब्लिक स्कूल बंजार में समावेशी कार्यशाला का किया सफल आयोजन

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सुरभि न्यूज़

प्रताप अरनोट, बंजार

ट्रिनिटी पब्लिक स्कूल, बंजार में आज एक विशेष समावेशी कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसका उद्देश्य दिव्यांगजनों के अधिकारों, आवश्यकताओं और समाज में उनकी भागीदारी को लेकर जागरूकता फैलाना था।

विद्यालय की प्रधानाचार्या किरन डांग ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा, “दिव्यांगजनों की सहायता केवल एक दया भाव नहीं, बल्कि यह समाज का साझा कर्तव्य है। हमें उन्हें समान अवसर और गरिमा से जीने का अधिकार देना चाहिए।”

इस कार्यशाला में साम्फ़िया फाउंडेशन की टीम ने भाग लिया, जो एडी हाइड्रो पावर लिमिटेड, मनाली के सहयोग से जिला कुल्लू में कार्यरत है। कार्यक्रम के दौरान साम्फ़िया फाउंडेशन के कार्यक्रम प्रबंधक बीजू हिमदल ने संस्था द्वारा संचालित विभिन्न कार्यक्रमों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि साम्फ़िया फाउंडेशन जिले में बच्चों एवं वयस्कों के लिए फिजियोथैरेपी, ऑक्यूपेशनल थैरेपी, स्पीच थैरेपी, स्पेशल एजुकेशन, होम बेस्ड सेवाएं, थैरेपी ऑन व्हील्स, सामुदायिक जागरूकता कार्यक्रम, शिक्षक प्रशिक्षण तथा समावेशी शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए विविध गतिविधियाँ संचालित कर रही है। संस्था का उद्देश्य दिव्यांगजनों को समाज में सम्मानजनक स्थान दिलाना और उनकी आवश्यकताओं के अनुरूप सेवाएं उपलब्ध करवाना है।

कार्यशाला के दौरान विशेषज्ञ डॉ. अनु ने विभिन्न प्रकार की दिव्यांगताओं — जैसे बौद्धिक, शारीरिक, श्रवण, दृष्टि आदि  के बारे में जानकारी दी और बताया कि इन बच्चों की विशेष आवश्यकताओं को समझकर ही समावेशी शिक्षा और सेवाएं प्रभावी हो सकती हैं।

इस अवसर पर दिव्यांगता पर आधारित कुछ गतिविधियाँ भी आयोजित की गईं, जिनका उद्देश्य बच्चों को दिव्यांगजनों की चुनौतियों को महसूस कराना और उनमें सहानुभूति व समझ विकसित करना था। इन गतिविधियों के माध्यम से विद्यार्थियों को यह अनुभव कराया गया कि शारीरिक या बौद्धिक सीमाओं के बावजूद, हर व्यक्ति में अपार क्षमताएं होती हैं।

कार्यशाला में आशा बाल विकास परियोजना की भूमिका और सेवाओं की भी सराहना की गई, जो विशेष आवश्यकता वाले बच्चों और उनके परिवारों को निरंतर सहयोग प्रदान कर रही है।

इस अवसर पर ट्रिनिटी पब्लिक स्कूल की ओर से लीना, डॉ. शिखा, युगल किशोर, नीरत सिंह, खेबे राम एवं आगम डांग उपस्थित रहे। इन सभी शिक्षकों ने कार्यशाला में सक्रिय भागीदारी निभाई और समावेशी शिक्षा के प्रति अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की। कार्यक्रम के अंत में प्रधानाचार्या किरन डांग ने साम्फ़िया फाउंडेशन और सभी प्रतिभागियों का आभार व्यक्त किया तथा भविष्य में इस प्रकार के आयोजन लगातार करने की इच्छा जताई।

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