सुरभि न्यूज़
ख़ुशी राम ठाकुर, बरोट
प्रदेश की मंडियों मे चाइनिज राजमाह पहाड़ी राजमाह पर बहुत ही भारी पड़ रहा है। प्रतिवर्ष कम दाम होने की वजह से चाइनिज राजमाह की मांग काफी बढ़ रही है। जिसका सीधा असर पहाड़ी क्षेत्र में पहाड़ी राजमाह की खेती करने वाले किसानों पर पड़ रहा है। चौहार घाटी व छोटाभंगाल में किसानों को उचित दाम न मिलने के कारण कुछ वर्षों से पहाड़ी राजमाह की पैदावार में भारी कमी दर्ज की गई है।
प्रदेश के हर पहाड़ी क्षेत्रों के किसानों ने सही दाम न मिलने के कारण पहाड़ी राजमाह बिजने से मुंह मोड़ रहे है। चौहार घाटी व छोटाभंगाल के समस्त किसान पहाड़ी राजमाह की बिजाई करने से ज़रा सी भी दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं। इसके बदले में नगदी फसल बंद गोभी, फूल गोभी, मटर, धनिया तथा मूली आदि बिजने में खासी दिलचस्पी ले रहे हैं। गत वर्ष से राजमाह का कम दाम मिलने से इस बार भी किसानों ने आधे से भी कम मात्रा में राजमाह की बिजाई की है।
किसान रागी राम, भागमल, सोहन सिंह, वजिन्द्र सिंह, कर्म चंद, रोशन लाल, विनोद कुमार व सोमनाथ का कहना है कि गत कई वर्षों से प्रदेश की मंडियों में दिल्ली की मंडियों से चाईनिज राजमाह कम दाम से मिल रहा है जिस कारण प्रदेश की लोकल मंडियों में यहां का राजमाह के बहुत कम दाम मिल रहा है।
राजमहल के कम दाम मिलने से किसानों का राजमाह उनके घरों में पडा रहता हैं। किसानों ने प्रदेश सरकार से मांग की है कि पहाड़ी राजमाह का भी उचित दाम निर्धारित करवाया जाए ताकि यहां के किसानों को उनकी मेहनत का उचित फल मिल सके।