सुरभि न्यूज़
विजयराज उपाध्याय, बिलासपुर
बिलासपुर सदर के एसडीएम अभिषेक गर्ग ने नाटक उत्सव के समापन पर बिलासपुर के बहुउद्देश्यीय सांस्कृतिक परिसर में बतौर मुख्य अतिथि बोलते हुए कहा कि तनाव से भरी इस दुनिया में अगर कुछ क्षण हंसने को मिल जाए तो इससे बड़ी बात और कुछ नहीं हो सकती है।
इस उत्सव का आयोजन जिला भाषा एवं संस्कृति विभाग बिलासपुर द्वारा किया गया जिसमें उड़ान थिएटर ग्रुप बिलासपुर तथा मंडी संवाद कला मंच द्वारा दो नाटकों का अलग-अलग प्रदर्शन किया गया।
अभिषेक गर्ग ने सम्बोधित करते हुए कहा कि जिस तरह से बिलासपुर में रंगमंच की गतिविधियां उड़ान थिएटर ग्रुप करवा रहा है निश्चित रूप से बधाई का पात्र है। इसके अलावा उन्होंने भाषा संस्कृति विभाग की भी सराहना की।
मुख्यातिथि को जिला भाषा अधिकारी रेवती सैनी ने शॉल और टोपी देकर सम्मानित किया। इसके साथ ही संवाद युवा मंडल मंडी के निर्देशक महेंद्र पाल उर्फ मनजीत मन्ना तथा उड़ान थिएटर ग्रुप के निर्देशक अभिषेक डोगरा को भी शॉल और टोपी देकर सम्मानित किया गया।
इस आयोजन में सबसे पहले एक लड़की, पांच दिवाने नाटक का सफल मंचन किया गया। इस नाटक की प्रस्तुति उड़ान थियेटर ग्रुप बिलासपुर के रंगकर्मियों ने दी। सभी कलाकारों ने अपनी शानदार अदाकारी से दर्शकों को खूब हंसाया।
इस नाटक की कहानी जाने माने व्यंग्य लेखक हरिशंकर परसाई द्वारा लिखित थी। जिसका नाट्य रूपांतरण और निर्देशन युवा रंगकर्मी अभिषेक डोगरा ने बखूबी तरीके से किया। नाटक के लाइट एक्शन और स्टिल तो लाजवाब थे ही इनके अलावा सेट बहुत बेहतर तरीके से बनाया गया था।
नाटक में रंगकर्मी नवीन सोनी, अभिषेक सोनी, निखिल चौधरी, दाक्षी सहदेव, कमल ठाकुर, निखिल चौहान, प्रजा शर्मा, विक्रांत कुमार, प्रिंस शर्मा और अनुभव अंगरिश ने विभिन्न किरदार निभाए जबकि नाटक की मंच सज्जा नवीन सोनी, निखिल चौधरी और वर्षा शर्मा ने संभाली। वहीं, संगीत का जिम्मा धीरज शर्मा ने संभाला और लाइट व्यवस्था को अभिषेक डोगरा व ईशान गौतम ने देखा।
संवाद युवा मंडल मंडी के कलाकारों द्वारा मंडी जिला के प्रमुख लोक नाट्य बांठडा की प्रस्तुति दी गई। बांठडा वास्तव में राजा महाराजाओं के काल में किए जाने वाला हास्य प्रशासन है जिसे मंडी के कलाकारों द्वारा आज भी जीवित रखा है।
इस नाटक के द्वारा राजाओं के काल में जनता की समस्याओं को नाट्यकला के माध्यम से प्रस्तुत किया जाता था। वहीं इसके अलावा इसमें नशा निवारण तथा अन्य कुरीतियों को भी उजागर किया जाता था।
इस नाटक में मनजीत मन्ना, विशाल दीक्षित, गौरव शर्मा, मस्तराम, विकास शर्मा, विशाल बग्गा, किरण, संगीता, वैभव, नारायण सिंह, भोला सिंह, मासूम और हरदेव सिंह ने भूमिका निभाई जबकि संगीत पर नागेंद्र और संजय माथुर रहे जबकि सहयोग विशाल राय ने किया।
इस नाटक में कलाकारों ने समाज की गई व्यवस्थाओं पर करारी चोट की है जिनमें नशा भी एक प्रमुख था। जिला भाषा अधिकारी ने सभी दर्शकों कलाकारों और मुख्य अतिथि का आभार प्रकट किया तथा कहा कि इस तरह के आयोजन भविष्य में भी करवाए जाते रहेंगे।