साढ़े तीन करोड़ की लागत के पुल एवं सड़क से जुड़ा अन्तिम गांव योचे गांव-डॉ रामलाल मार्कण्डेय

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सुरभि न्यूज़ केलोंग। तकनीकी शिक्षा, जनजातीय विकास एवं सूचना प्रौद्योगिकी मन्त्री डॉ राम लाल मार्कण्डेय ने आज गाहर घाटी के युरनाथ, गुमरंग, स्टिंगरी, छेलिंग, पयासो, प्रसप्राग, लपचांग, प्यूकर, कारदंग, गवाज़ग बिलिंग गावों का दौरा कर जनसमस्याओं का निपटारा किया। डॉ मारकंडा ने जानकारी देते हुए बताया कि हमने प्रयास किया है कि गत दो वर्षों में कोविड महामारी के बाबजूद भी घाटी में विकास कार्यों की गति को कम नहीं होने दिया है। दारचा पंचायत के दक्षिण में स्थित अन्तिम गाँव योचे के लिए पुल का लोकार्पण पिछले ही वर्ष किया गया था, जिससे यहां के लोगों की लम्बे समय से चल रही मांग पूरी हुई। अब इस गांव को सड़क सुविधा से जोड़ा गया है, जिस पर लगभग साढ़े तीन करोड़ की लागत आई है। योचे गाँव के लोगों को अब राशन से लेकर रसोई गैस अब गाँव तक वाहन द्वारा पहुंच सकेंगे, शीघ्र ही यहाँ ट्रायल सफ़ल होने पर बस सेवा भी आरम्भ की जाएगी। डॉ मार्कण्डेय ने कहा कि मंगवन गांव के लिये सड़क के लिए तथा पयासो महिला मण्डल भवन की पेनलिंग के लिए एस्टिमेट बनाने के बाद धनराशि का प्रावधान शीघ्र किया जाएगा। लपचांग में याकशेड, नामर्चा से प्रसप्राग सड़क के लिए गिफ़्ट डीड की औपचारिकता पूरी होते ही सड़क निर्माण का कार्य आरम्भ कर दिया जाएगा। उन्होंने पंचायतों के प्रतिनिधियों से कहा कि कोविड-19 महामारी के दौर में विकास कार्यों को कोविड नियमों का पालन करते हुए तेज़ करें। इस दौरान उनके साथ तहसीलदार नरेंदर शर्मा, एक्सईन, विद्युत विभाग, एसडीओ लोक निर्माण विभाग व जलशक्ति, सहित अन्य ज़िला अधिकारी भी उपस्थित रहे।

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