सुरभि न्यूज़, कुल्लू ।
दो दिवसीय भलोगी बिरशू मेला भलोगी गांव में आज से शुरू हो गया है। दो दिवसीय यह मेला देव परम्पराओं पर ही मुख्य तौर पर आधारित रहता है। मेले से एक दिन पूर्व देवता श्री आज़त भलोगू नाग का रथ अपनी हारियान संग रायसन बिहाल बार्षिक पूजा के लिए जाता है।पूजा अर्चना व देव परम्पराओं का वहन करने के उपरान्त देव रथ शाम को बापिस भलोगी लाया जाता है। इस बार रायसन बिहाल में पास के गांव के शेला देवता ने भी भाग लिया। बार्षिक पूजा के अवसर पर आस पास के गांव के श्रदालुओं ने भारी संख्या में भाग लिया। भलोगी बिरशू में इस बार व्यासर गाँव के देवता कुम्बरदान मेले की शोभा बढाएंगे।देवता कुम्बरदान अपने लावलश्कर संग देर शाम भलोगी पहुंचेंगे जहाँ पर देवता का भव्य स्वागत किया जाएगा। दोनों देवताओं का देव मिलन मेले का विशेष आकर्षण रहेगा।देवता के कारदार मदन लाल ने बताया कि देवता के स्वागत की सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। सभी रीतियाँ देव परम्पराओं के अनुसार ही निभाई जाएंगी। उन्होंने बताया कि ब्यासर के देवता के आगमन को लेकर गांव बासियों में भारी उत्साह है।
भलोगी बिरशू के पहले दिन निर्धारित रुट से देवता बड़ी परिक्रम करेगा। देव परिक्रमा पूर्ण होने पर देवता के मैदान में मेला लगता है।देर शाम देऊ खेल होती है।पहले दिन के मेले को छोटा बिरशू तथा दूसरे दिन के मेले को बड़ा बिरशू कहा जाता है।मेले के दूसरे दिन देवता मन्दिर के गिर्द परिक्रमा के उपरान्त देवता मैदान में लाया जाता है जहां देर शाम तक मेला लगता है। देऊ खेल के उपरांत देव भारता होती है व पूछ पड़ती है। सभी देव परम्पराओं वहन करने के उपरांत मंगलवार शाम यह मेला सम्पन होगा।
भलोगी बिरशू के अवसर पर अपनी हरियान संग सज धज कर निकले भलोगू नाग