सुरभि न्यूज कुल्लू। उपायुक्त डॉ ऋचा वर्मा ने कुल्लू जिला की वर्ष 2021-22 के लिए वार्षिक ऋण योजना जारी की। यह योजना 1,62,400 लाख रुपये की होगी। यह योजना पिछले वित्त वर्ष की 152800 लाख रुपये की वार्षिक योजना से 6.28 प्रतिशत अधिक होगी। योजना के अंतर्गत कृषि क्षेत्र में 1,01,399 लाख के ऋण, सूक्ष्म, लघु व मध्यम उद्यमों में 28,407 लाख रुपये के ऋण, अन्य प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में 10,594 लाख जबकि गैर प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में 22,000 लाख रुपये के ऋण शामिल हैं। योजना जारी करते हुए उपायुक्त ने बैंकों से कहा कि जिला में कृषि व बागवानी क्षेत्र में लोगों के आर्थिक विकास की बड़ी संभावना है और इन क्षेत्रों में सुगम ऋण प्रदान किये जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना बेरोजगार युवाओं के लिए वरदान साबित हो रही है। इस योजना को और अधिक प्रोत्साहन प्रदान किया जाना चाहिए। उन्होंने बैंकों से ऋण प्रक्रिया को और अधिक सरल बनाने को कहा ताकि लाभार्थियों को अनावश्यक बैंको के चक्कर नहीं काटने पड़े। उन्होंने योजनाओं को प्रायोजित करने वाले विभागों को भी निर्देश दिए कि पात्र लोगों को सरकार की योजनाओं का लाभ समयबद्ध प्रदान करना सुनिश्चित करें। योजना का दस्तावेज प्रस्तुत करते हुए अग्रणी मुख्य प्रबंधक पंजाब नेशनल बैंक पामा छेरिंग ने कहा कि जिला में उच्च मूल्य वाली फसलों की खेती और पावर टिलर, पावर स्प्रेयर, एंटी हेलनेट, पावर विडर, मक्का शेलर, सोलर पावर फेंसिंग आदि मशीनरी के उपयोग की संभावना है। चालू वित्त वर्ष के दौरान इसके लिए 79,326 लाख रुपये के ऋण जारी करने का प्रावधान किया गया है। जिला में अधिकांश खेती मानसून पर निर्भर करती है। जल संसाधन प्रबंधन पर अधिक ध्यान देने की जरूररत है। कृषि क्षेत्र के विकास के लिए सिंचाई हेतु जल संग्रहण टैंक अथवा तालाब विकसित करने के लिए 1133.70 लाख के ऋण का प्रावधान किया गया है। पामा छेरिंग ने कहा कि कृषि यंत्रीकरण के लिए 2463.70 लाख रुपये जबकि पौधरोपण व बागवानी के लिए 19,729 लाख रुपये के ऋण जारी करने की व्यवस्था बनाई गई है। पशुधन का ग्रामीण आर्थिकी में बड़ा योगदान है। जिला में दुग्ध विकास, मुर्गी पालन तथा भेड़पालन के लिए क्रमश: 915 लाख, 383 लाख तथा 533.60 लाख रुपये के ऋण जारी होने के अनुमान रखे गए हैं। सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्योगों के लिए 28,237 लाख जारी होने की संभावना आंकी गई है। इसके अंतर्गत जिले में हथकरघा बुनकरों और दस्तकारों को प्रोत्साहन प्रदान किया जाएगा।