बिलासपुर में अखिल भारतीय साहित्य परिषद की पांचवीं बैठक व संगोष्ठी आयोजित -डॉ० रीता सिंह प्रदेशाध्यक्ष अखिल भारतीय साहित्य परिषद  

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सुरभि न्यूज़ बिलासपुर। अखिल भारतीय साहित्य परिषद बिलासपुर इकाई द्वारा भारतीय नववर्ष आगमन पर इकाई की पांचवी बैठक व काव्य गोष्ठी का ऑनलाइन आयोजन किया गया । ऑनलाइन कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ० सुनील पाठक प्रांत अध्यक्ष उत्तराखंड , विशिष्ट अतिथि डॉ० लेख राम शर्मा इकाई संरक्षक (गन्ढीर), मुख्य वक्ता डॉ० लेख राज शर्मा (दधोल)इकाई संयोजक रहे । कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ० रीता सिंह प्रांत अध्यक्ष हिमाचल प्रदेश द्वारा की गई । ऑनलाइन संगोष्ठी में उपस्थित सभी अतिथियों का स्वागत जिला इकाई अध्यक्ष डॉ० ए०आर०सांख्यान द्वारा पुष्पगुच्छ देकर किया गया । उन्होंने भारतीय नव वर्ष विक्रम संवत 2078 के आगमन की सभी को बधाई दी। ऑनलाइन कार्यक्रम का संचालन डॉ० ए० आर० सांख्यान व शीला सिंह द्वारा किया गया । सर्वप्रथम ललिता कश्यप द्वारा सरस्वती वंदना प्रस्तुत की गई । मुख्य अतिथि सुनील पाठक ने भारतीय नव वर्ष विक्रम संवत 2078 , 13 अप्रैल , 2021 की इकाई की सभी सम्मानित साहित्यकारो को बधाई दी । उन्होंने भारतीय नव वर्ष के महत्व पर प्रकाश डालते हुए  कहा कि हिंदू दिवस का यह पर्व दक्षिणी पूर्वी देशों जैसे थाईलैंड लॉओस कंबोडिया आदि में बड़े उत्साह उल्लास से मनाया जाने का भी जिक्र किया । तदोपरांत संगोष्ठी का आगाज करते हुए मुख्य वक्ता डॉ० लेख राम शर्मा ने भी भारतीय नववर्ष की बधाई के साथ इसके महत्व की जानकारी दी, सर्वप्रथम मुख्य वक्ता डॉ०लेख राम शर्मा ने भारतीय नव वर्ष ऋतु परिवर्तन से सुंदर संबंध स्थापित किया तथा मातस्य अवतार से नव वर्ष का आगमन बताया, विशिष्ट अतिथि प्रो०लेख राम शर्मा ने नव वर्ष पर विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डाला व सुंदर कविता वो चली गई वो चली गई प्रस्तुत की । डॉ० रविंद्र ठाकुर ने जीत स्वार्थ में अपनी औरों का अहित हो जाएगा जीवन है परमार्थ की खातिर फिर यह पल नहीं मिल पाएगा । रवि कुमार सांख्यान ने बांका हिमाचल अज्ज आई रा विपदा रा जमाना करोने केरा पाई रा आरोग्य सेतु एैप दो गज दूरी मास्क ठीक  लगाणे रा बेला आई रा बर्फानी तेंदुआ जुजुराणा कन्ने गुलाबी बुरांश  पॉलिथीन लफाफे करणे  कनारे बांके पर्यावरण च लैणी सांस । डॉ० ए० आर० सांख्यान ने तरन्नुम में बुढ़ापे की दस्तक नामक शीर्षक से कविता गाकर सुनाई कविता की पंक्तियां थी ” ना जाने कब यह आ गया मैं देखते रह गया समझ रहा था कि अभी जवां हूं यह होश ठिकाने ला गया ” , डॉ० हेमा ठाकुर ने  पात्त दे बोटिया एड़ी देर ना ला पाणी देणे वाला मुंडा कुंवारा , शीला सिंह ने सुनहरी सुबह लिए नव संवत आया स्नेह उमंग से भरा सूरज सौगातें लाया , विजय कुमारी ने युग के युवा मत देख दाएं मत देख बायें  नहीं तो जिंदगी यह कभी संग ना होंगे तेरे अपने ही साए , वीना वर्धन ने प्रिय सखी ऐसे बैसाखी का त्यौहार मनाओ  तुम राम नाम की नदियां में डुबकी लगाओ तुम, ललिता कश्यप ने मां भगवती का गुणगान करते हुए मां को भोग शीर्षक से  कविता प्रस्तुत की, रविन्द्र साथी ने दिन मंगलवार अज्ज आई बैठी गया देवी रे बार, भीम नेगी ने बैसाखी के दिन का वह इतिहास रखना होगा हम सबको याद इस दिन खून से नहला दिया था अंग्रेज जनरल डायर ने जलियांवाला बाग, सुशील पुंडीर परिंदा कितना सुंदर संयोग है मानो ना मानो मेरा भारत महान है सत्यम शिवम सुंदरम,  रविंद्र चंदेल कमल ने कहलूरी बिलासपुरी बोलियां च “मुन्निया रा जमाना आई गया पाऊंंआ रा ख्वाब नी लेणा आई जावां हुण करी लो इन्ना रा सत्कार ” रचना प्रस्तुत की ।  ऑनलाइन कार्यक्रम की अध्यक्ष व अखिल भारतीय साहित्य परिषद की प्रांत अध्यक्ष डॉ० रीता सिंह ने सभी साहित्यकारों को भारतीय नव वर्ष की शुभकामनाएं दी । साथ ही उन्होंने सभी रचनाकारों की अच्छी कविताओं  की प्रशंसा की । उन्होंने परिषद की पुस्तकों के बारे में भी जानकारी दी । साहित्यिक गतिविधियों के लिए जिला के इकाई अध्यक्ष डॉ० ए० आर० सांख्यान व सम्मानित सभी सदस्यों को बधाई दी। साथ  ही उन्होंने अपने ज्ञान से भारतीय नव वर्ष विक्रम संवत 2078 की भरपूर जानकारी दी अंत में परिषद की सम्मानित सदस्य शीला सिंह द्वारा सभी अतिथियों का धन्यवाद किया गया। सभी के मधुर धुन में राष्ट्र गान के साथ ऑनलाइन कार्यक्रम का समापन हुआ।