लाहौल-स्पिति के विकास के लिए भरसक प्रयास कर रहा हूँ। लाहौल का बजट 74 करोड़ तक पहुंचा है-डॉ रामलाल मारकंडा

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सुरभि न्यूज़ केलोंग। तकनीकी शिक्षा, जनजातीय विकास एवं सूचना प्रौद्योगिकी मन्त्री डॉ राम लाल मार्कण्डेय ने आज पट्टन घाटी के कारिंग, लिंगर, ढवांशा, शांशा, राशेल, रापे, जोबरंग, गोहरमा, लिंदुर, फुड़ा, जाहलमा गावों का दौरा कर जनसमस्याओं का निपटारा करते हुए ये बात कही। उन्होंने कहा कि लाहौल-स्पिति में कृषि के नवीकरण के लिए स्प्रिंकलर, पावर टिलर, जैसी आधुनिक तकनीकों को सब्सिडी देने की व्यवस्था हमने आरम्भ की थी, जिससे जनजातीय क्षेत्र के लोगों ने कृषि के आधुनिक तकनीकों का लाभ हो रहा है। यहां फल सब्जियों के भण्डारण के लिए आधुनिक तकनीक से दो कोल्ड स्टोर बनाये जा रहे हैं। कैबिनेट मन्त्री ने कारिंग सड़क को बस योग्य बनाने के लिए लोक निर्माण विभाग को निर्देश दिए तथा महिलामण्डल भवन की पेनलिंग के लिए 1.70 लाख ज़ारी किये। लिंगर सड़क की सोलिंग तथा लिंगर व ढूवांशा कुहल की मुरम्मत के लिए एस्टिमेट बनने उपरान्त उसके मुताबिक धनराशि का प्रावधान करने की भी घोषणा की। तथा ढूवांशा में शमशान घाट के निर्माण के लिए1.5 लाख की राशि दी। उन्होंने कहा कि शांशा नहर के लिए 2.86 करोड़ स्वीकृत हो चुका है, कृषक विकास संघ की औपचारिकता पूरी होते ही टेन्डर किये जायेंगे तथा कार्य शुरू हो जाएगा। शांशा में पेयजल के लिए जलजीवन मिशन के अंतर्गत 40 हज़ार लीटर क्षमता के दो टैंक बनाये जा रहे है। जिससे हर घर को नल से जल की व्यवस्था से जोड़ा जा रहा है। राशेल में जलशक्ति विभाग को सिंचाई के लिये लिफ़्ट इरीगेशन की संभावनाएं, पर सर्वेक्षण करने के निर्देश दिए। डॉ मारकंडा ने पर्यटन के लिए जल, सड़क जैसी मूलभूत अधोसंरचना के विकास को गति देने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि पर्यटन को संस्कृति से जोड़कर घाटी की आर्थिकी को सुदृढ़ करने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने पंचायतों के प्रतिनिधियों से भी कहा कि कोविड-19 महामारी के दौर में विकास कार्यों को कोविड नियमों का पालन करते हुए तेज़ करें। इस दौरान उनके साथ तहसीलदार नरेंदर शर्मा, एक्सईन जलशक्ति, एसडीओ विद्युत विभाग, एसडीओ लोक निर्माण विभाग सहित अन्य ज़िला अधिकारी भी उपस्थित

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